G-7 Summit 2024: इटली के अपुलिया में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine War), पश्चिम एशिया में तनाव और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई। शुक्रवार को दूसरे दिन मौजूदा वैश्विक संकटों के अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र, आर्थिक सुरक्षा और चीन की चुनौतियों से जुड़े मुद्दे छाए रहे। सभी देशों ने इस दशक में जीवाश्म ईंधन की कटौती पर तेजी से काम करने को लेकर भी प्रतिबद्धता दोहराई। गौरतलब है कि वैश्विक व्यापार (Global Trade) और अर्थव्यवस्था के साथ सुरक्षा संबंधी मोर्चों पर जी-7 समूह (Group of Seven) में शामिल देशों का दबदबा रहता है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से अलग-अलग मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के मुताबिक मैक्रों से बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) पर अधिक ध्यान देने के साथ ही रणनीति रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। इससे पहले इटली के अपुलिया पहुंचने पर इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी का स्वागत किया।
जी-7 के सम्मेलन में जारी होने वाले एक ड्राफ्ट में कहा गया है कि इस दशक में ऊर्जा के रूप में जीवाश्म ईधन की खपत को चरणबद्ध ढंग से कम करने पर ठोस प्रयास होंगे।
-2030 तक मीथेन गैस उत्सर्जन में 75 प्रतिशत तक कटौती का लक्ष्य रखा गया है।
-अत्याधुनिक तकनीक से 2050 तक नेट जीरो करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की कार्यायोजना ।
-कोयले की खपत को 2030 तक हासिल करने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच रक्षा, न्यूक्लियर, स्पेस, शिक्षा, जलवायु, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और कल्चरल इनीशिएटिव जैसे नेशनल म्यूजियम पार्टनरशिप और लोगों के बीच संबंधों में को बढ़ाने में सहयोग पर चर्चा की। दोनों देशों ने आगामी शिखर सम्मेलन और यूनाइटेड नेशन्स ओशियन कॉन्फ्रेंस को लेकर मिलकर काम करने पर सहमति जताई। ये दोनों सम्मेलन 2025 में फ्रांस में आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को शुभकामनाएं दीं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, भारत ह्यूमन-सेंट्रिक दृष्टिकोण में विश्वास रखता है और मानता है कि शांति का रास्ता बातचीत और कूटनीति के माध्यम से निकल सकता है। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से भी व्यापार रणनीतिक साझेदारी, रक्षा और व्यापार जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर सार्थक बातचीत की।
शिखर सम्मेलन में पहुंचे विश्व नेताओं का मेलोनी ने हाथ जोडकऱ नमस्ते से स्वागत किया। उनका यह वीडियो वायरल होने के बाद एक्स पर ‘नमस्ते’ ट्रेंड करने लगा। मेलोनी का यह अंदाज लोगों ने खूब पसंद किया।
अमरीका, कनाडा, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली जी-7 सदस्य हैं। रूस को भी 1998 में इस गुट में शामिल किया था और तब इसका नाम जी-8 हो गया था, लेकिन 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे के बाद उसे ग्रुप से निकाल दिया। यूरोपीय संघ भी जी-7 का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसके अधिकारी जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलनों में शामिल होते हैं। इस साल जी-7 की अध्यक्षता इटली कर रहा है।
Updated on:
15 Jun 2024 02:53 pm
Published on:
15 Jun 2024 01:00 pm