
शहबाज शरीफ और मुहम्मद यूनुस अमेरिका में यूएनजीए से इतर बातचीत करेंगे। (फोटो: एएनआई.)
Yunus Shahbaz Meeting UNGA 2025: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र के दौरान एक अहम मुलाकात होने जा रही है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में मुलाकात (Yunus Shahbaz UNGA meeting) करेंगे। इस मुलाकात पर भारत समेत कई देशों की नजरें टिकी हैं। देश के प्रमुख बंगाली दैनिक, जुगंतोर की रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बांग्लादेश में अवामी लीग सरकार की विदाई के बाद एक अंतरिम सरकार सत्ता में आई है। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली इस सरकार के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों (Bangladesh Pakistan relations 2025) में तेजी से बदलाव आया है। सन 1971 के मुक्ति संग्राम और युद्ध अपराधों को लेकर दशकों तक दोनों देशों के रिश्तों में तनाव रहा है, लेकिन अब हालात कुछ अलग नजर आ रहे हैं।
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने पुष्टि की है कि मोहम्मद यूनुस 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करेंगे। इसके अलावा यूनुस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, फिनलैंड के राष्ट्रपति, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत से भी मुलाकात करेंगे।
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘जुगंतोर’ के मुताबिक, इस यात्रा में यूनुस के साथ बीएनपी (Bangladesh Nationalist Party), जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) जैसे तीन बड़े राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। यह संकेत है कि बांग्लादेश की नई सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को साथ लेकर चल रही है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उन्हें प्रतिनिधित्व का मौका दे रही है।
भारत के लिए यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में आ रही गर्मजोशी को लेकर भारत कूटनीतिक स्तर पर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। विशेषकर 1971 के युद्ध और उसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अब तक कोई माफी नहीं मिलने की स्थिति में यह समीकरण भारत के लिए चिंताजनक हो सकते हैं।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने बांग्लादेश का दौरा किया था। यह किसी पाकिस्तानी शीर्ष अधिकारी की 13 वर्षों में पहली आधिकारिक यात्रा थी। डार ने इस दौरान दावा किया था कि 1971 के नरसंहार से जुड़े मुद्दे दो बार हल हो चुके हैं, लेकिन बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार हुसैन ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।
यूनुस और शरीफ की यह दूसरी मुलाकात होगी। पिछले साल भी UNGA के दौरान दोनों नेताओं ने बैठक की थी और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने पर सहमति जताई थी। अब देखना यह है कि इस साल की बातचीत क्या कोई ठोस समझौता या साझा घोषणाओं की ओर बढ़ती है, या यह सिर्फ औपचारिक मुलाकात बनकर रह जाएगी।
बहरहाल भारत को इस नई राजनीतिक समीकरण पर सतर्क रहना होगा, क्योंकि दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच पाकिस्तान और बांग्लादेश की करीबी भारत की विदेश नीति के लिए चुनौती बन सकती है। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि क्या यह नई सरकार बांग्लादेश की ऐतिहासिक राजनीतिक प्राथमिकताओं को बदलेगी?
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Updated on:
18 Sept 2025 03:14 pm
Published on:
18 Sept 2025 03:13 pm
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