
dhanteras puja muhurat
त्रयोदशी जया संज्ञक शुभ तिथि रात्रि १२.०९ तक, इसके बाद चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी में चन्द्रमा क्षीण होता है। अत: यथासंभव शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते। पर आज तो धन त्रयोदशी का स्वयंसिद्ध मुहूर्त है। जो शुभ कार्यों के लिए मार्गप्रशस्त करता है। चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं।
नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र सम्पूर्ण दिवारात्रि है। यदि समय शुद्ध हो और तिथ्यादि ग्राह्य हो तो उ.फा. नक्षत्र में यथाआवश्यक विवाह, यज्ञोपवीत, स्थिरता, अलंकार, गृहारम्भ, प्रवेश, विपणि-व्यापारारम्भ तथा अन्य उत्सवादि शुभ व सिद्ध होते हैं। योग: ब्रह्म नामक नैसर्गिक शुभ योग सायं ५.५८ तक, तदन्तर ऐन्द्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग हैं।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्यदेव दोपहर १२.३५ पर तुला राशि में, रात्रि १२.४८ पर बुध स्वाति नक्षत्र में तथा रात्रि ११.०० से शुक्र हस्त नक्षत्र में दाखिल होगा। करण: गर नामकरण दोपहर १२.१८ तक, इसके बाद रात्रि १२.०९ तक वणिज नामकरण, तदन्तर भद्रा प्रारम्भ हो जाएगी। पाताल लोक की भद्रा है। अत: शुभ है।
शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143९, मु.मास: मुहर्रम-२६
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद्
मास : कार्तिक।
पक्ष : कृष्ण।
शुभ मुहूर्त: आज धन त्रयोदशी स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त है। अत: उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में यथा आवश्यक विपणि-व्यापारारम्भ, वाहन क्रय, मशीनरी-कल कारखाना प्रारम्भ करना, प्रसूति स्नान व हलप्रवहण आदि के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ९.२१ से दोपहर बाद १.४१ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा अपराह्न ३.१२ से सायं ४.४० तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.४९ से १२.३५ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज भौम प्रदोष व्रत, धनतेरस (स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त), धन त्रयोदशी निमित्त सायं दीपदान, धनवन्तरि जयंती तथा पद्मप्रभु जयंती (जैन), तुला की संक्रान्ति ४५ मुहूर्ता है। संक्रान्ति पुण्य काल सम्पूर्ण दिन है।
चन्द्रमा: चन्द्रमा दोपहर १२.१७ तक सिंह राशि में, इसके बाद कन्या राशि में होगा। दिशाशूल: मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दोपहर १२.१७ तक पूर्व दिशा की यात्रा व इसके बाद दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
राहुकाल: अपराह्न ३.०० से सायं ४.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (टू, टे, टो, प, पी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। दोपहर १२.१७ तक जन्मे जातकों की राशि सिंह, तदुपरान्त जन्मे जातकों की राशि कन्या होगी। इन सभी का जन्म रजतपाद से है। जो शुभ फलप्रद है। सामान्यत: ये जातक धनवान, विद्यावान, पराक्रमी, परोपकारी, बुद्धिमान, पुरुषार्थ से धनोपार्जन, पर जीवन साथी से कुछ वैचारिक भिन्नता रखने वाले और गृह कलह की चिंता वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग ३०-३२ वर्ष की आयु तक होता है। सिंह राशि वाले जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में बहुत अच्छा लाभ होगा, पर घरेलू वस्तुओं पर व्यय अधिक होगा।
Updated on:
17 Oct 2017 10:06 am
Published on:
17 Oct 2017 10:03 am
बड़ी खबरें
View Allपूजा
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
