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खेत बना झोलाछाप का अस्पताल : पेड़ पर लटकी बोतल, खेत में लेटे मरीज, जानते हुए भी आंखें मूंदे हैं जिम्मेदार

झोलाछाप डॉक्टर खेतों में लेटा कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं और मरीजों को चढ़ी बोतलें पेड़ों पर लटकी हुई हैं। इस तरह यहां मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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खेत बना झोलाछाप का अस्पताल : पेड़ पर लटकी बोतल, खेत में लेटे मरीज, जानते हुए भी आंखें मूंदे हैं जिम्मेदार

आगर मालवा/ मध्य प्रदेश में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते कई ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। इसी वजह से कई जगहों पर झोलाछाप डॉक्टर ही इसका फायदा उठा रहे हैं। इसकी एक चौका देने वाली बानगी आगर मालवा जिले में सामने आई है, जहां झोलाछाप डॉक्टर खेतों में लेटा कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं और मरीजों को चढ़ी बोतलें पेड़ों पर लटकी हुई हैं। इस तरह यहां मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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अफसरों को भी पता है सब, लेकिन अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

बता दें कि, आगर मालवा जिले में सुसनेर से पिडावा राजस्थान की और गुजरने वाले मार्ग पर ग्राम धानियाखेड़ी से करीब आधा किलोमीटर दूर खेत में ये अस्पताल बना हुआ है। यहां पर मुख्य सड़क से महज 200 मीटर दूरी पर स्थित संतरे के एक बगीचे में दरी और कार्टन पर ही मरीजों को लेटाकर निजी डाॅक्टर इलाज कर रहे हैं। जिन मरीजों को बोतल चढ़ाने की जरूरत है, उनकी बोतले पेड़ पर लटकाकर उन्हें लगाई गई हैं। खेत को अस्पताल बनाने वाले झोलाछाप डॉक्टर का नाम देवी लाल है। हैरानी तो इस बात की है कि, मामले की जानकारी जिले के अधिकारियों को भी है, बावजूद इसके अब तक किसी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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यहां इलाज कराने आते हैं 10 गांवों से मरीज

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, खेत पर बने इस झोलाछाप अस्पताल में रोजाना आसपास के करीब 10 गांवों से मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज करवाने यहां पहुंचते हैं। यहां इलाज करा रहे मरीजों को न तो कोरोना का खौफ है और न ही उनके लिए दो गज की दूरी और मास्क जरूरी जैसी गाइडलाइन किसी काम की है।

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[typography_font:14pt;" >बीएमओ बोले- होगी आवश्य कार्रवाई

इस मामले पर मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर सुसनेर बीएमओ मनीष कुरील ने कहा कि, ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, उनको समझाइश भी दी जा रही है कि, मरीजों को सही सलाह दे। कुरील ने कहा कि, 'मैं आज गांव जा रहा हूं। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।'