20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पत्नी की मौत की खबर सुन साइकिल से तय किया 130 किलोमीटर का सफर

रात के अंधेरे में सड़क की थर्माप्लास्टिक की सफेद पट्टी देखकर चलाई साइकिल, पौने 13 घंटों में तय की 130 किलोमीटर की दूरी...

2 min read
Google source verification
cyclenew.png

आगर मालवा. कोरोना महामारी (corona virus) के मौजूदा दौर में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो हर मुश्किल और चुनौती का बड़े ही साहस के साथ सामना कर रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं रवि शंकर पंवार जो पत्नी की मौत (wife death) की खबर सुनकर रातभर साइकिल (cycle) चलाते हुए 130 किलोमीटर का सफर तय कर अपनी ससुराल पहुंचे। लॉकडाउन (lockdown) लगा होने के कारण कोई साधन न मिलने पर रवि शंकर पंवार ने अपनी साइकिल उठाई पौने 13 घंटों में 130 किलोमीटर के फासले को पूरा किया।

ये भी पढ़ें- मासूम को गोद में लिए इलाज की आस में भटकती मां

साइकिल से 130 किमी. का सफर
रवि शंकर पंवार जो कि प्लंबर का काम करते हैं वो इंदौर से 10 किलोमीटर दूर तलावली गांव में रहते हैं उनकी ससुराल आगर के मालीपुरा है। 1986 में मालीपुरा आगर निवासी स्व. बंशीलाल बनासिया की बेटी सुमन से रवि शंकर की शादी हुई थी। पत्नी सुमन के मानसिक रोगी होने के कारण वो बीते कुछ समय से मायके में ही रह रही थी। जहां बीते दिनों 8 मई को उसका निधन हो गया। पत्नी के निधन की खबर जब रवि शंकर पंवार को लगी तो वो उस दिन तो घर से नहीं निकल पाए क्योंकि उस दिन उनकी भाभी का दसवां था। दूसरे दिन उन्होंने आगर आने के लिए साधन की तलाश की लेकिन लॉकडाउन के चलने उन्हें कोई साधन नहीं मिला ऐसे में उन्होंने साइकिल से ही आगर आने का फैसला लिया और साइकिल लेकर निकल पड़े।

ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश की मंत्री का अजीब बयान, कहा- सुबह 10 बजे यज्ञ करें नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर

रात के अंधेरे में सड़क की सफेद पट्टी देखकर चलाई साइकिल
रवि शंकर पंवार ने बताया कि वो दिन भर साधन की तलाश करने के बाद शाम 5 बजे साइकिल से गांव से निकले थे। इंदौर से कुछ किलोमीटर आगे ही निकले थे कि अंधेरा होने लगा। कुछ ही देर में रात हो गई और हर तरफ अंधेरा छा गया ऐसे में उन्होंने सड़क की थर्माप्लास्टिक की सफेद पट्टी को देखते हुए साइकिल चलाई और पौने 13 घंटे में 130 किलोमीटर का सफर तय कर सुबह पौने 7 बजे आगर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि वो घर से कुछ खाना और पानी लेकर निकले थे जिसे रास्ते में उन्होंने खाया और एक घंटे आराम किया। रविशंकर का कहना है कि अगर अंधेरा नहीं होता तो वो 7 घंटे में आगर आ जाते। सुबह जब साइकिल से रविशंकर ससुराल पहुंचे तो उन्हें देखकर ससुराल के लोग भी हैरान रह गए।

देखें वीडियो- गोद में मासूम बच्चा और हाथ में ग्लूकोज बॉटल थामे इलाज की आस लिए भटकती रही मां