आगरा। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस जंगलात कोठी में आजादी की अलख के दौरान 1942 में तिरंगा फहराकर आग लगाई थी। आज उनकी मृत्यु के बाद चर्चाओं में है। जंगलात कोठी की हालत अब सुधारने के लिए प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषणा की गई थी कि अटल बिहारी वाजपेयी के स्मृति स्थलों को संजोया जाएगा। इसके बाद जंगलात कोठी के दिन बहुरेंगे। लेकिन, यहां रहने वाला परिवार आज खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हो गया है। प्रशासन ने जर्जर हालत की जंगलात कोठी को ग्रामीण परिवार के कब्जे से मुक्त कराया। गरीब परिवार कई सालों से इस कोठी में रहकर अपनी जिंदगी का गुजारा बसेरा कर रहा था। ग्रामीणों में इस बात को लेकर खुशी है कि जंगलात कोठी का जीर्णोद्धार होगा। लेकिन, इस गरीब परिवार को प्रशासन से उम्मीद है कि वो इस परिवार को छत मुहैया कराएगा। बाह क्षेत्र के तीर्थ बटेश्वर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने बाल्यकाल के कई साल यहां व्यतीत किए थे। अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा का समापन इसी क्षेत्र में किया जाएगा। जिसके लिए प्रशासन ने यहां व्यवस्थाएं चाक चौबंद करना शुरू कर दिया है।