
अटल ने प्रधानमंत्री के रूप में होटल का खाना नहीं, बैंगन का भर्ता और बाजरे की रोटी खाई थी
आगरा। अटल बिहारी वाजपेयी छह अप्रैल, 1999 को अपने पैतृक गांव बटेश्वर आए थे। बटेश्वर आगरा से 80 किलोमीटर दूर बाह तहसील के अंतर्गत आता है। वे यहां करीब सवा घंटा रुके थे। प्रधानमंत्री के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन किया था।
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घर में बनवाया खाना
खास बात यह है कि प्रधानमंत्री के रूप में उनके लिए भोजन होटल से मंगवाया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने होटल का खाना नहीं खाया। उन्होंने अपने घर पर बैंगन का भर्ता और बाजरे की रोटी बनवाकर खाई थी। वैसे भी अटल बिहारी वाजपेयी को देशी खान-पान पसंद है। उन्हें आगरा की बेड़ई और समोसा खासे अच्छे लगते थे। अकसर कार्यकर्ताओं से समोसे मंगवाकर खाया करते थे।
महिलाओं की समस्या को समझा
अटल बिहारी वाजपेयी की भांजा बहू गंगादेवी मिश्रा ने बताया कि गांव का हर व्यक्ति अटल बिहारी वाजपेयी से मिलना चाहता था। इस कारण भीड़ बहुत हो गई थी। घर की महिलाएं घूंघट में थीं। गर्मी बहुत अधिक थी। इस कारण महिलाएं परेशान हो रही थी। अटलजी ने इस समस्या को समझा और सबसे कहा कि चलो गांव घूमकर आते हैं।
यमुना में स्नान किया
इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने गांव का भ्रमण किया। बटेश्वर मंदिर गए। वहां यमुना में स्नान किया। उनके साथ अन्य लोगों ने भी स्नान किया। गांव के लोग आज भी अटल बिहारी वाजपेयी की यह सदाशयता भूले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गांव आकर उन्होंने यह कतई प्रदर्शित नहीं होने दिया कि प्रधानमंत्री आया है। वे सामान्य जन की तरह सबसे व्यवहार कर रहे थे। ऐसे अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नही रहे हैं, यह विश्वास नहीं होता है।
Published on:
16 Aug 2018 07:28 pm
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