यहां का है मामला
मामला ग्वालिय उखर्रा रोड का है। यहां भाजपा के मेयर प्रत्याशी नवीन जैन,विधायक डॉ. जीएस धर्मेश और पूर्व मेयर अंजुला सिंह माहौर जनता से वोट मांगने पहुंचे थे। भाजपा प्रत्याशी का काफिला जैसे ही उखर्रा रोड पहुंचा, तभी लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया। क्षेत्रीय लोगों का कहना था, कि विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहीं हुआ है। ये हालत तब है, जब भाजपा पिछले 25 वर्षों से यहां मेयर का चुनाव जीतती आ रही है। वहीं अब तो विधायक भी भाजपा के हैं, फिर भी यहां का विकास नहीं हो पा रहा है।
मामला ग्वालिय उखर्रा रोड का है। यहां भाजपा के मेयर प्रत्याशी नवीन जैन,विधायक डॉ. जीएस धर्मेश और पूर्व मेयर अंजुला सिंह माहौर जनता से वोट मांगने पहुंचे थे। भाजपा प्रत्याशी का काफिला जैसे ही उखर्रा रोड पहुंचा, तभी लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया। क्षेत्रीय लोगों का कहना था, कि विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहीं हुआ है। ये हालत तब है, जब भाजपा पिछले 25 वर्षों से यहां मेयर का चुनाव जीतती आ रही है। वहीं अब तो विधायक भी भाजपा के हैं, फिर भी यहां का विकास नहीं हो पा रहा है।
उखड़वा दी सड़क
लोगों ने बताया कि अखिलेश सरकार में जो काम कराए गए थे, उन पर सरकार हथौड़ा चलवा रही है। सरकार को जनता से कोई लेना देना नहीं है। अखिलेश सरकार में बनवाई गई सडक को तोड़ा जा रहा है। इस पर भाजपा प्रत्याशी तो शांत रह गए, लेकिन उनकी बगल में खड़े क्षेत्रीय विधायक ने उनके कान में कहा, कि सडक तोड़ने का काम रुकवा दिया गया है, इसके बाद भाजपा प्रत्याशी ने ये जबाव दिया।
लोगों ने बताया कि अखिलेश सरकार में जो काम कराए गए थे, उन पर सरकार हथौड़ा चलवा रही है। सरकार को जनता से कोई लेना देना नहीं है। अखिलेश सरकार में बनवाई गई सडक को तोड़ा जा रहा है। इस पर भाजपा प्रत्याशी तो शांत रह गए, लेकिन उनकी बगल में खड़े क्षेत्रीय विधायक ने उनके कान में कहा, कि सडक तोड़ने का काम रुकवा दिया गया है, इसके बाद भाजपा प्रत्याशी ने ये जबाव दिया।
लगा दिए गए बोर्ड
इतना ही नहीं इस क्षेत्र के लोगों ने बोर्ड लगा दिए हैं, कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होता है, वोट नहीं मिलेगा। लोगों का कहना है जनप्रतिनिधियों को वोट मांगने के दौरान जनता की याद आती है, लेकिन उसके बाद जनता की कोई सुध नहीं लेता है।
इतना ही नहीं इस क्षेत्र के लोगों ने बोर्ड लगा दिए हैं, कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होता है, वोट नहीं मिलेगा। लोगों का कहना है जनप्रतिनिधियों को वोट मांगने के दौरान जनता की याद आती है, लेकिन उसके बाद जनता की कोई सुध नहीं लेता है।