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हरियाली तीज मनाने अपने मायके पहुंची रश्मि शर्मा कहती हैं कि करीब बीस साल बाद वह झूले पर झूली हैं। हरियाली तीज के त्योहार की संस्कृति को आज की पीढ़ी भूलती जा रही है। गीत मल्हारों व इस त्योहार की मान्यता से आधुनिक बच्चे अनजान हैं। गीत संगीत की मस्ती व त्योहारों की महत्ता से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए झूले की मस्ती व गीत मल्हार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री चाहर कहती हैं कि सावन का महीना महिलाओं में एक अनूठी उमंग भरता है। महिलाएं सावन में महीने में मायके में जाने को लेकर काफी उत्साहित रहती हैं।
हरियाली तीज मनाने अपने मायके पहुंची रश्मि शर्मा कहती हैं कि करीब बीस साल बाद वह झूले पर झूली हैं। हरियाली तीज के त्योहार की संस्कृति को आज की पीढ़ी भूलती जा रही है। गीत मल्हारों व इस त्योहार की मान्यता से आधुनिक बच्चे अनजान हैं। गीत संगीत की मस्ती व त्योहारों की महत्ता से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए झूले की मस्ती व गीत मल्हार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री चाहर कहती हैं कि सावन का महीना महिलाओं में एक अनूठी उमंग भरता है। महिलाएं सावन में महीने में मायके में जाने को लेकर काफी उत्साहित रहती हैं।
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सोलह श्रृंगार से सुसज्जित निशा ने बताया कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने हरियाली तीज का व्रत रखा था और उनकी मनोकामना पूर्ण हुई थी। तभी से हिन्दू धर्म को मानने वाली अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की कामना के लिए शिव पार्वती की आराधना करती हैं। सुहागिन अपने सुहाग की दीर्घ आयु के लिए यह व्रत रखती हैं। हालांकि हरे भरे पेड़ों की घटती संख्या के चलते आधुनिक उपकरणीय झूलों ने अपनी जगह बना ली है। अब बहुत कम इलाके ऐसे देखने को मिलते हैं, जहां पेड़ों पर झूले डाल लोग हरियाली तीज का आनन्द लेते हैं।
सोलह श्रृंगार से सुसज्जित निशा ने बताया कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने हरियाली तीज का व्रत रखा था और उनकी मनोकामना पूर्ण हुई थी। तभी से हिन्दू धर्म को मानने वाली अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की कामना के लिए शिव पार्वती की आराधना करती हैं। सुहागिन अपने सुहाग की दीर्घ आयु के लिए यह व्रत रखती हैं। हालांकि हरे भरे पेड़ों की घटती संख्या के चलते आधुनिक उपकरणीय झूलों ने अपनी जगह बना ली है। अब बहुत कम इलाके ऐसे देखने को मिलते हैं, जहां पेड़ों पर झूले डाल लोग हरियाली तीज का आनन्द लेते हैं।