scriptविधायक से राष्ट्रपति तक 93 चुनाव लड़ चुके हसनूराम अब पत्नी के साथ पंचायत चुनाव में उतरे | Hasanuram who applied for president election now panchayat chunav | Patrika News

विधायक से राष्ट्रपति तक 93 चुनाव लड़ चुके हसनूराम अब पत्नी के साथ पंचायत चुनाव में उतरे

locationआगराPublished: Apr 06, 2021 07:19:16 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

1984 में लड़ा था पहला चुनाव इसके बाद से नहीं छोड़ा कोई भी इलेक्शन
राष्ट्रपति तक का चुनाव के लिए भी नामांकन कर चुके हैं हसनूराम

agra.jpg

नामांकन दाखिल करते समय हसनूराम

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

आगरा ( panchayat chunav ) अभी तक आपने अलग-अलग तरह के रिकॉर्ड सुने होंगे लेकिन आज हम आपकी मुलाकात एक ऐसे शख्स कराने जा रहे हैं जो अब तक 90 से अधिक बार चुनाव लड़ चुके हैं।
यह भी पढ़ें

पंचायत चुनाव ने नवरात्र से पहले बढ़ा दिए फलों के दाम, 150 रुपये तक पहुंचा सेब

हम बात कर रहे हैं आगरा के रहने वाले हसनूराम राम की। हसनू ग्राम प्रधानी से लेकर देश के सर्वोच्च इलेक्शन राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी आवेदन कर चुके हैं। यह अलग बात है कि उन्हें हर बार हार का मुंह देखना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी उनके उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिलती। अब वह पंचायत चुनाव में 93वी चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार वह जिला पंचायत पद ( Panchayat election ) के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
यह भी पढ़ें

पंचायत चुनाव के प्रचार में आई सख्ती, राजधानी में लागू हुई धारा 144, प्रचार में शामिल होंगे केवल पांच लोग

हसनूराम की उम्र 74 वर्ष की हो चुकी है लेकिन अभी भी उनके जज्बे में कहीं कोई कमी दिखाई नहीं देती। देश में कहीं भी कोई चुनाव हो हसनूराम नामांकन करने से नहीं चूकते। वह नामांकन करने से पीछे नहीं हटते. अपने इसी जज्बे और जुनून के चलते हसनूराम ने रिकॉर्ड बना दिया है। हसनूराम राम पहले ऐसे व्यक्ति बन चुके हैं जो 93वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन आज तक एक बभी चुनाव नहीं जीते।
यह भी पढ़ें

मर्सिडीज से पर्चा दाखिल करने पहुंचा प्रत्याशी, सवा करोड़ रुपये है कार की कीमत

( up election )आगरा की तहसील खैरागढ़ क्षेत्र के गांव रामनगर के रहने वाले हसनूराम का चुनाव प्रचार करने का तरीका भी बिल्कुल अलग है। अपने अपने इसी अंदाज को लेकर वह इतने फेमस हो चुके हैं कि अब उन्हें चुनाव प्रचार करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। हसनूराम को नाम से ही लोग जानने लगते हैं। हसनूराम का प्रचार किसी सिंबल या पार्टी के नाम से नहीं होता बल्कि वह खुद एक नजीर बन चुके हैं। वर्ष 1984-85 के दौर में उन्होंने सबसे पहला चुनाव लड़ा था। इसके बाद से उनके हारने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक जारी है। वह कोई भी चुनाव नहीं छोड़ते। अब उनकी पत्नी सूरमा देवी भी चुनाव मैदान में उतरी हैं और सूरमा ने नगला दुल्हे खान से ग्राम प्रधानी के लिए नामांकन किया है।
यह भी पढ़ें

पंचायत चुनाव ने नवरात्र से पहले बढ़ा दिए फलों के दाम, 150 रुपये तक पहुंचा सेब

वर्ष 1988 में हसनूराम ने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन किया था लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया था। इसके बाद उन्होंने लोकसभा और विधानसभा से लेकर जिला पंचायत और अन्य चुनाव लड़े। वर्ष 2020 में उन्होंने स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव भी लड़ा था। अब एक बार फिर से वह पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो