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International Civil Aviation Day 2019: आगरा में सपना बन गया है अंतरराष्ट्रीय नागरिक हवाई अड्डा

अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केन्द्र होने के बाद भी नियमित हवाई उड़ान नहीं।2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने आगरा की पहली सभा में कही थी ये बात।सिविल सोसाइटी के अनिल शर्मा कर रहे हैं लगातार संघर्ष।

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आगरा

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Dhirendra yadav

Dec 07, 2019

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आगरा। ताजमहल के शहर आगरा के लिए अंतरराष्ट्रीय नागरिक हवाई अड्डा एक सपना बनकर रह गया है। लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान ताजनगरी आए नरेन्द्र मोदी ने जब ये ख्वाब आगरावासियों को दिखाया, तो उम्मीद बढ़ गई, लेकिन जोरदार झटका तब लगा, जब आगरा की जगह अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जेवर का नाम प्रस्तावित कर दिया गया। आगरा महज सिविल एंक्लेव के फेर में फसकर रह गया। सिविल सोसायटी आॅफ आगरा इसके लिए लड़ाई लड़ रही है।

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2016 से शुरू हुआ संघर्ष
सिविल सोसायटी आॅफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि 2016 से लड़ाई लड़ रहे हैं। पीआईएल डाली, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पैसा रिलीज किया। उन्होंने कहा कि एमसी मेहता जो आगरा के पर्यावरण को लेकर इतने चिंतित हैं, वे दिल्ली के पर्यावरण की चिंता करें। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी। आगरा में एयरपोर्ट की आवश्यकता जग जाहिर है। 200 करोड़ रुपये की कमाई तीन वर्ष में ताजमहल ने किया है। जिसमें 13 करोड़ ताजमहल की मेंटिनेंस पर किया है। आगरा को टूरिज्म का ट्रैड 4 हजार करोड़ का है। यदि आगरा में इंटरनेशनल फ्लाइट आना शुरू होगीं। आज International Civil Aviation Day है, ये शुभ दिन नहीं है, क्योंकि हम तो आज भी इसके लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

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पीएम मोदी ने किया था वादा
पीएम मोदी ने आगरा में लोकसभा चुनाव 2014 से पूर्व हुई रैली के दौरान ताजनगरी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बात कही थी। उन्होंने वादा किया था कि आगरा की जनता को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिया जाएगा। लेकिन, सरकार बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जेवर में शिफ्ट कर दिया गया। सिविल सोसायटी आफ आगरा लगातार आगरा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के लिए संघर्ष कर रही है।

नहीं मिल सका सिविल एंक्लेव
आगरा को जन पहुंच सहज करने को 2012 से बनाये जाने को प्रस्‍तावि‍त नया सि‍वि‍ल एन्‍कलेव नहीं मि‍ल सका है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने दि‍ल्‍ली की गद्दी पर बैठने से पूर्व शहरवासि‍यों को भरोसा दिलाया था कि ताजनगरी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट होना चाहि‍ए, लेकिन ये वादा अधूरा रह गया।

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सिविल एंक्लेव में होगा ये खास
आगरा जनपद में धनौली में सिविल एन्क्लेव प्रस्तावित है। मौजूदा समय की बात करें तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया 55 एकड़ क्षेत्र में 327.40 करोड़ रुपये की लागत से इस एन्क्लेव का निर्माण करेगा। एयरफोर्स की सुरक्षा के कारण अर्जुन नगर की जगह धनौली में नया सिविल एन्क्लेव बनाया जाएगा, जो मौजूदा एन्क्लेव से बड़ा होगा। मौजूदा टर्मिनल पांच हजार वर्ग मीटर में है, जबकि नया एन्क्लेव 33,400 वर्ग मीटर में होगा। इसमें 16,700 वर्ग मीटर का बेसमेंट शामिल है। प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव 750 यात्रियों की क्षमता का होगा,जिसमें 500 यात्री घरेलू उड़ान के लिए और 250 यात्रियों की क्षमता इंटरनेशनल यात्रियों की होगी। एन्क्लेव की इमारत का फ्रंट एलिवेशन 285 मीटर लंबा और 85 मीटर चौड़ाई में होगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया आगरा के सिविल एन्क्लेव की इमारत पर 327.40 करोड़ रुपये खर्च करेगा। पूरी तरह से अत्याधुनिक तकनीक से बनने वाले एन्क्लेव का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स करेगा।


मौजूदा समय में दो उड़ान
खेरिया एयरपोर्ट से दो एविएशन कंपनियां दो रूट पर फ्लाइट संचालित कर रहीं है। इनमें एलायंस एयर जयपुर-आगरा-जयपुर रूट पर और जूम एयरलाइंस दिल्ली-आगरा-जैसलमेर-आगरा-दिल्ली रूट पर विमान उड़ा रही है। इनमें एलायंस एयर एटीआर-72 और जूम एयरलाइंस बंबार्डियर विमान का उपयोग करती है। सप्ताह में दोनों ही एविएशन कंपनियां केवल चार दिन ही आगरा में उड़ान लेकर आ रही हैं। इससे पहले आगरा में दिल्ली-वाराणसी-आगरा-खजुराहो रूट पर एयर इंडिया की फ्लाइट संचालित थी जो अक्टूबर में बंद हो गई। पांच साल से यह पर्यटन सीजन के दौरान चल रही थी।