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आगरा

पति या पत्नी की हत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण, सबको सबक लेने की जरूरत

आखिर ऐसा क्या हो जाता है कि पति-पत्नी एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं? क्या यह क्रोध की परिणति है? क्या इसके पीछे ‘वो’ है या कुछ और बात है?

आगराNov 20, 2019 / 05:29 pm

Bhanu Pratap

Love affairs

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माना जाता है कि भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी का साथ सात जन्मों के लिए होता है। विवाह के समय सात फेरे इसी बात के द्योतक हैं। बेटी, पति के घर में पत्नी, बहू, भौजाई बन जाती है। फिर अचानक खबर आती है कि पति ने अपनी पत्नी को हत्या कर दी। इसका उलट भी होता है। पत्नी अपने पति की हत्या कर देती है। रंजिश में हत्या पर ताज्जुब नहीं है। ताज्जुब होता है अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाली पत्नी की हत्या या पत्नी को जान से अधिक प्यार करने वाले पति की हत्या। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हो जाता है कि दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं? क्या यह क्रोध की परिणति है? क्या इसके पीछे ‘वो’ है या कुछ और बात है?
आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, एटा, अलीगढ़, मैनपुरी, कासगंज, हाथरस, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं समेत सभी जिलों से पति-पत्नी की हत्या संबंधी समाचार आए दिन प्रकाश में आते रहते हैं। जैसे आगरा में पत्नी ने पति के पैर पकड़े और प्रेमी ने गला दबाकर मार डाला। आगरा में पति ने पत्नी की गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी और सिर लेकर फरार हो गया। इन दो मामलों में हत्या के पीछे अवैध संबंध और शराब है। फिरोजाबाद में पत्नी ने पति को मार डाला, क्योंकि पति शराबी था। अलीगढ़ में भी पत्नी ने पति की हत्या कर दी। फिरोजाबाद जिले में थाना टूंडला क्षेत्र के नगला राधेलाल निवासी गब्बर का शव पंखे पर लटका मिला था। पत्नी गायब थी। उसी ने प्रेमी संग मिलकर हत्या की थी। पुलिस ने पकड़ा तो राज खुला। अधिकांश मामलों में हत्या के पाछे अवैध संबंध हैं। पति ने या पत्नी ने विवाहेतर संबंधों का विरोध किया तो हत्या कर दी।
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हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश में कहा गया है कि विवाहेतर संबंध गैरकानूनी नहीं है, लेकिन भारतीय संस्कृति में अवैध संबंधों को कभी भी मान्यता नहीं है। हो सकता है कुछ महानगरों में विवाहेतर संबंध ‘फैशन’ हों, लेकिन छोटे नगरों में इसे आज भी ‘पाप’ की श्रेणी में रखा जाता है। इसके बाद भी यह पाप किया जा रहा है। अधिकांशतः पाप चोरी-छिपे होता है। कहते हैं कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपता है। कहावत यह भी कि पाप का घड़ा एक दिन फूटता जरूर है। अवैध संबंधों की खबर जैसे ही घर वालों को लगती है, विरोध शुरू हो जाता है। जब विरोध अधिक बढ़ जाता है तो हत्या कर दी जाती है।
भारतीय समाज में पति और पत्नी पर बहुत से प्रतिबंध होते हैं। पहले संयुक्त परिवार थे तो व्यक्ति किसी न किसी से समस्या को साझा कर लेता था। अब एकल परिवार में कोई बात करने वाला भी नहीं है। लोग अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। घुटन इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति बीमार हो जाता है। ऐसी बीमारी जो मानसिक होती है। मनोरोग विशेषज्ञों की मानें तो ‘संबंध बीमार’ हो जाते हैं। बीमार संबंधों में यह जानने का प्रयास किया जाता है कि दोनों के मन में क्या है, फिर इलाज सुझाया जाता है। अधिकांश मामले बातचीत करके ही ठीक कर दिए जाते हैं। बहुत कम मामलों में दवा दी जाता है।
Murder
हमने पति और पत्नी की हत्या के पीछे मूल कारण खोजने का प्रयास किया। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश राठौर बताते हैं- पति पत्नी के बीच संबंध खराब हैं और यौन संबंध जारी हैं तो स्थिति ठीक की जा सकती है। अगर यौन संबंध नहीं हैं तो समस्या विकराल रूप में सामने आती है। इसमें यौन संतुष्टि सबसे बड़ी बात है। यौन संबंधों से तनाव दूर होता है। मन प्रफुल्लित रहता है। समस्या यह है कि यौन संबंधों में संतुष्टि या असंतुष्टि पर कोई बात नहीं करता है। सड़क किनारे बैठने वाले झोलाछाप के चक्कर में पड़ जाते हैं, इससे जिन्दगी खराब हो जाती है। ये ठग हैं और ब्लैकमेल भी करते हैं। समस्या का समाधान नहीं होता है। यौन संबंध बंद हो जाते हैं, जिससे तनाव का घेरा कसता चला जाता है। फिर पति या पत्नी घर के बाहर सुख की तलाश करते हैं। जैसे ही सुख मिलता है, पति या पत्नी से पीछा छुड़ाने के लिए हत्या का अपराध हो जाता है। प्रशिक्षित चिकित्सक से सलाह लेने की जरूरत है। यौन संतुष्टि मानसिक अस्वस्थता भी है। मनोरोग विशेषज्ञ पति और पत्नी की बीच सेतु का काम करता है, जिससे खराब हो रहे संबंधों की नैया पार की जा सकती है। पति और पत्नी दोनों को सलाह की जरूरत होती है। इस मामले में समाज को शिक्षित करने की आवश्यकता है। इसमें मीडिया की महती भूमिका है।
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार स्वीकार करते हैं कि पति या पत्नी की हत्या के पीछे मूल कारण अवैध संबंध होते हैं। यह बंद कमरे में किया जाने वाला अपराध है, जिसे कोई नहीं रोक सकता है। परिवार वालों का दायित्व है कि वे पति-पत्नी के बीच हो रही कलह पर नजर रखें। हो सकता है कि यह कलह यौन संबंध न बनने या अवैध संबंधों के कारण हो। ऐसे मामलों में मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लेने की जरूरत है। पुलिस ने यह भी पाया है कि अवैध संबंधों के बारे में सबको खबर होती है, लोग कानाफूंसी करते हैं, लेकिन खुलकर कोई नहीं बोलता है। बात वही है कि दुश्मनी कौन मोल ले। घर वालों को लगता है कि किसी से साझा करेंगे तो परिवार की बदनामी होगी। हत्या के बाद छिपी हुई बात सबके सामने आ जाती है और घर वाले मुंह छिपाते फिरते हैं। इसलिए समय रहते समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। बाद में बहुत पछतावा होता है।

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