
praimary school of jagdishpura
आगरा। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योगी सरकार ने भले ही बच्चों के लिए स्कूली बैग, जूते मोजे, किताबों की सुविधा प्रदान की हो। लेकिन, आज भी आगरा में कई ऐसे स्कूल हैं जहां नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो एक ऐसे ही स्कूल की हकीकत सामने आई, जो खुले आसमान के नीचे चल रहा है। बिल्डिंग फैक्ट्री के पास है, जहां सुरक्षा मानक नहीं है। नौनिहालों पर हर वक्त खतरा मंडराता रहता है। स्कूल प्रशासन कई बार शिक्षा अधिकारियों से इस बाबत शिकायती पत्र लिख चुका है लेकिन, नतीजा सिफर रहा है।
जगदीशपुरा जूनियर और प्राथमिक विद्यालय का हाल
पत्रिका की टीम ने बुधवार को थाना जगदीशपुरा स्थित जगदीशपुरा प्राथमिक विद्यालय और जगदीशपुरा जूनियर हाईस्कूल का निरीक्षण किया तो वहां चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। योगी सरकार द्वारा दावे किए गए कि स्कूलों में अतिरिक्त भवनों का निर्माण कराया गया है। लेकिन, जगदीशपुरा प्राथमिक स्कूल के हालात बद से बदत्तर नजर आए। यहां पढ़ने आने वाले छात्र खुले आसमान में पढ़ाई को मजबूर हैं।
बैठने को नहीं बेंच
स्कूल की हालत ऐसी है कि यहां के एक कमरे में बरसात का पानी भर गया, जिससे बच्चों को खुले में पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जर्जर कमरे कभी भी गिर सकते हैं। बच्चों को बैठने के लिए बेंच की कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चे चटाई पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। विभाग और सरकार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है
प्राथमिक विद्यालय में करीब 23 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल की बराबर वाली बिल्डिंग में फैक्ट्री संचालित हैं, जिसमें सुरक्षा के कोई मानक नहीं है। यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के मानकों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक द्वारा इस संबंध में शिक्षा विभाग को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। नगर मंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि स्कूलों की जर्जर बिल्डिंग को दुरुस्त कराने के लिए जिलाधिकारी और बीएसए दोनों अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
Updated on:
04 Jul 2018 07:12 pm
Published on:
04 Jul 2018 06:34 pm
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