
लेखपाल और कानूनगो रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी सरकारी कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहें है, जिसके कारण सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आम आदमी को अपना काम कराने के लिए संबंधित कर्मचारी या अफसर की जेब गरम करनी होती है। कुछ ऐसा ही मामला बरेली में सामने आया है जहां पर जमीन की तूताबंदी के लिए ग्रामीण से लेखपाल और कानूनगो ने 36 हजार की रिश्वत की मांग की लेकिन ग्रामीण ने इन घूसखोरों को रिश्वत देने की जगह एंटीकरप्शन से दोनों की शिकायत कर दी जिसके बाद एंटीकरप्शन की टीम ने जाल बिछा कर दोनों भ्र्ष्टाचारियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ बहेड़ी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें जेल भेज दिया है।
इस तरह बिछाया जाल
शेरगढ़ के नगरिया कला गांव निवासी बद्री प्रसाद ने जमीन की तूताबंदी के लिए तहसील में आवेदन किया था। बद्री प्रसाद का कहना है कि स्थानीय कानूनगो अमर सिंह यादव व लेखपाल सत्यदेव गंगवार ने उनसे 36 हजार रुपए रिश्वत मांगी। किसान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की। मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो इंस्पेक्टर सुरेश दत्त मिश्र डीएम से मिले। डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने अपर सांख्यिकी अधिकारी सूर्य प्रकाश व एक्साइज इंस्पेक्टर अनिल कुमार मिश्र को गवाह के तौर पर टीम के साथ भेजा। बद्री ने कानूनगो व लेखपाल दोनों से बातचीत की। बहेड़ी नगर पालिका के ठीक सामने जूस के ठेले पर चार-चार हजार रुपए बतौर पहली किस्त दोनों को देना तय हुआ। टीम ने पहले ही चार-चार हजार के नोट अलग कर लिए। उन पर केमिकल लगा दिया। इसके बाद छह सदस्यीय टीम ने घेराबंदी करते हुए किसान को केमिकल लगे आठ हजार रुपए के नोट देकर कानूनगो व लेखपाल को देने के लिए भेजा। जैसे ही लेखपाल व कानूनगो ने रुपये अपने हाथ में लिए, एंटी करप्शन की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।
मुकदमा हुआ दर्ज
एंटी करप्शन के जाल में फंसने के बाद दोनों घूसखोरों ने खुद को निर्दोष बताते हुए छोड़ने की मिन्नत की लेकिन दोनों के खिलाफ बहेड़ी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है और बुधवार को दोनों को जेल भेजा जाएगा।

Published on:
04 Jul 2018 05:07 pm
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