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घूसखोर बिजली कर्मचारी को 3 साल की सजा

करीब 12 साल पहले 500 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए कर्मचारी को अदालत ने बुधवार को 3 साल कठोर कैद की सजा व 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।

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घूसखोर बिजली कर्मचारी को 3 साल की सजा

कोटा. करीब 12 साल पहले 500 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए जयपुर विद्युत वितरण निगम सहायक अभियंता कार्यालय उपखंड बारां के तत्कालीन कर्मचारी को अदालत ने बुधवार को 3 साल कठोर कैद की सजा व 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।

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परिवादी सरदार सिंह ने 14 नवम्बर 2006 को एसीबी बारां में शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि उसके पिता मोहन सिंह व 5 अन्य लोगों के नाम कृषि खातेदारी जमीन पर विद्युत कनेक्शन था। जिस पर 63 केवी का ट्रांसफार्मर लगा हुआ था। जिसके जल जाने से नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए सहायक अभियंता को प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने इस संबंध में विभाग के कर्मचारी जीवनलाल विजय से मिलने को कहा।

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जब वह विजय से मिले तो उसने 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। तैसे-तैसे वह 2800 रुपए में माना। लेकिन वह रकम देने के बाद भी उनके नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाकर पुराने को ही जोड़तोड़ कर लगा दिया। कुछ समय बाद जब वह ट्रांसफार्मर के लिए तेल व अन्य सामान लेने गया तो जीवनलाल ने फिर से 500 रुपए रिश्वत की मांग की। लेकिन इस बार वह रिश्वत नहीं देना चाहता।

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इस शिकायत का सत्यापन कराने के बाद एसीबी ने 16 नवम्बर 2006 को जीवनलाल को 500 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 7 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने रिश्वत मांगने व लेने का दोषी मानते हुए आरोपी शिवाजी कॉलोनी बारां निवासी जीवनलाल विजय को 3 साल कठोर कैद की सजा से दंडित किया है। साथ ही उस पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी किया है।