
Pollution Board imposes fine on UP Metro for causing damage to environment in Agra
ताजनगरी में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए यूपी मेट्रो पर प्रदूषण बोर्ड ने 29.25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना ताजमहल के पास पीएसी मैदान में मेट्रो शेड बनाने के दौरान फतेहाबाद रोड पर निर्माण कार्य में प्रदूषण नियंत्रण न करने पर लगाया गया है। हालांकि बोर्ड की तरफ से कई बार चेतावनी दी गई लेकिन यूपी मेट्रो ने धूल कंट्रोल करने के उपाय नहीं किए। जिसे देखते हुए प्रदूषण बोर्ड ने सख्त कदम उठाया और यूपी मेट्रो पर हर दिन के लिए 37,500 रुपये की पर्यावरण क्षतिपूर्ति लगाई। वहीं जुर्माना अधिरोपित कर नोटिस जारी कर दिया गया है। बता दें कि इसके पूर्व में प्रदूषण को लेकर एनएचएआई पर भी 6 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था।
78 दिनों तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप
जाहिर है कि पिछले साल 14 सितंबर ने 30 नवंबर के बीच मेट्रो शेड के निरीक्षण में धूल नियंत्रण के उपाय न मिलने पर यह कार्रवाई की गई है। आरोप है कि यूपी मेट्रो ने लगातार 78 दिनों तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। इस बारे में बात करते हुए उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने जानकारी देते हुए बजाया कि 10 अक्तूबर से 11 नवंबर तक रेल लाइन बिछाने और शेड निर्माण के दौरान धूल नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद एनजीटी के आदेश पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति का नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जुर्माने के साथ ही प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 31ए के तहत नोटिस भी जारी किया गया है।
सबसे ज्यादा धूल कण पीएसी मैदान में पाए गए
गौरतलब है कि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से पीएसी शेड पर निर्माण कार्य के दौरान धूल के गुबार इस कदर थे कि लगातार मामले को उठाने के बाद तब मेट्रो को प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए नोटिस जारी किए गए। ताज के पास शाहजहां पार्क में लगे प्रदूषण मापने के ऑटोमेटिक उपकरण में सबसे ज्यादा प्रदूषण पाया गया था। इसके अलावा स्मार्ट सिटी के सेंसरों में भी सबसे ज्यादा धूल कण पीएसी मैदान के पास से लेकर शाहजहां पार्क तक पाए गए थे।
Published on:
25 Sept 2022 01:38 pm
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