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राधास्वामी मत के गुरु दादाजी महाराज का Love Message, देखें वीडियो

राधास्वामी (Radhasoami) मत के वर्तमान आचार्य एवं आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादाजी महाराज- Dadaji maharaj) ने हुजूर महाराज के भंडारे पर दुनिया को प्रेम का संदेश (Love message) दिया है।

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dadaji maharaj

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आगरा। राधास्वामी (Radhasoami) मत के वर्तमान आचार्य एवं आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादाजी महाराज- Dadaji maharaj) ने हुजूर महाराज के भंडारे पर दुनिया को प्रेम का संदेश (Love message) दिया है। दादाजी का कहना है कि प्रेम के रास्ते पर चलकर ही उन्नति हो सकती है। प्रेम हमेशा जीतता है।

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हजूर महाराज ने छह दिसम्बर को छोड़ा था चोला

राधास्वामी मत के द्वितीय गुरु हजूर महाराज की समाध स्थल हजूरी भवन से दादाजी महाराज ने पत्रिका के माध्यम से यह संदेश दिया है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी तिथि के अनुसार छह दिसम्बर, 1898 को हजूर महाराज ने मानव चोला छोड़ा और परमसत्ता राधास्वामी में विलीन हो गए। हजूर महाराज ने प्यार का संदेश दिया था। वही संदेश सभी सत्संगियों के लिए है। अब हजूर महाराज की समाध पर 27 दिसम्बर, 2019 को भंडारा होगा।

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हजूरी भवन में समाध

हजूर महाराज का जन्म पीपल मंडी, आगरा में 14 मार्च, 1829 को कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता राय बहादुर उस समय के प्रसिद्ध वकील थे। राधास्वामी स्वामी के संस्थापक स्वामी जी महाराज ने हजूर महाराज को अपना उत्तराधिकारी बनाया। स्वामी जी महाराज के वे परमसेवक थे। 6 दिसम्बर, 1898 को उन्होंने हजूरी भवन में शरीर त्याग किया। हजूरी भवन में ही हजूर महाराज की समाध है। यहां प्रतिदिन सत्संग होता है। उसी पीढ़ी के वर्तमान आचार्य दादाजी महाराज हैं।

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प्रेम हमें आगे ले जाता है

दादाजी ने कहा कि हजूर महाराज के जो प्रेम का संदेश दिया है, उसी से विश्व में शांति कायम होगी। वैसे तो आज दुनिया में वैमनस्य फैला हुआ है, लेकिन जो प्रेम के मार्ग पर चलते हैं, उन्हें कभी निराशा का सामना नहीं करना पड़ता है। यही प्रेम हमें आगे ले जाता है। राधास्वामी मत का सार ही प्रेम और गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा है।

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प्रेम और भक्ति का समय पर नियंत्रण

यह कहे जाने पर प्रेम और भक्ति प्रत्यक्ष तौर पर कम होता जा रहा है, उन्होंने कहा कि न प्रेम कम होगा न भक्ति कम होगी। यह अपनी जगह पर है और भौतिकवाद अपनी जगह पर है। अध्यात्म की हमेशा जीत होती है। यह कहे जाने पर कि इसमें समय बहुत लगता है, दादाजी महाराज ने कहा कि कोई समय नहीं लगता है। प्रेम और भक्ति का नियंत्रण है समय पर। सबको संदेश यही है कि बहुत संभल कर रहें। दुनिया में अराजकता, स्वार्थ और वैमनस्य है। क्या हजूर महाराज के बताए रास्ते पर चलकर वैमनस्य को दूर कर सकते हैं, राधास्वामी गुरु दादाजी ने कहा – जो हजूर महाराज के रास्ते पर चल रहे हैं, वे बहुत तरक्की कर रहे हैं। विरोध, वैमनस्य, संकीर्णता पर प्रेम ही जीतेगा। शांति और सद्भाव आएगा।