धनतेरस पर वस्तु के हिसाब से जानें शुभ समय
इस बार धनतेरस सोमवार यानी 5 नवंबर को है। इस मौके पर यदि मकान, जमीन, सोना—चांदी, बर्तन आदि कोई ऐसी वस्तु खरीदना चाहते हैं जो स्थिर रहे तो इसे स्थिर लग्न में खरीदना चाहिए।
इस बार धनतेरस सोमवार यानी 5 नवंबर को है। इस मौके पर यदि मकान, जमीन, सोना—चांदी, बर्तन आदि कोई ऐसी वस्तु खरीदना चाहते हैं जो स्थिर रहे तो इसे स्थिर लग्न में खरीदना चाहिए।
स्थिर लग्न
सुबह 01:32 बजे से 03:01 बजे तक
शाम 06:04 बजे से 08:00 बजे तक वाहन या कोई अन्य चलने वाली वस्तु लेना चाहते हैं तो इसे चर लग्न में खरीदें। सुबह 11:48 बजे से 01:32 बजे तक
शाम 04:28 बजे से 06:04 बजे तक
सुबह 01:32 बजे से 03:01 बजे तक
शाम 06:04 बजे से 08:00 बजे तक वाहन या कोई अन्य चलने वाली वस्तु लेना चाहते हैं तो इसे चर लग्न में खरीदें। सुबह 11:48 बजे से 01:32 बजे तक
शाम 04:28 बजे से 06:04 बजे तक
यदि कोई ऐसी वस्तु खरीदने का विचार है जो चलती भी रहे और घर में रखी भी रहे, जैसे वॉशिंग मशीन, फ्रिज या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान, तो इसे द्विसभाव में खरीदें। सुबह 09:44 बजे से 11:48 बजे तक
दोपहर 03:01 बजे से 04:28 बजे तक
दोपहर 03:01 बजे से 04:28 बजे तक
ध्यान रहे कि धनतेरस के दिन चमड़ा, लोहा, स्टील, तांबा आदि न खरीदें और न ही किसी को उपहार में दें। इससे नकारात्मकता आती है। शाम को दीपदान का समय
धनतेरस पर शाम का पूजन और दीपक जलाने का शुभ समय 06:04 बजे से 08:00 बजे तक रहेगा।
धनतेरस पर शाम का पूजन और दीपक जलाने का शुभ समय 06:04 बजे से 08:00 बजे तक रहेगा।
रूप चतुुर्दशी
रूप चतुर्दशी 6 नवंबर को है। इस दिन दरिद्रता की पूजा की जाती है, ताकि वो घर से चली जाए और अगले दिन लक्ष्मी मां का आगमन हो। इस दिन अकाल मृत्यु से बचाव के लिए घर के मुख्य द्वार पर चौमुखी दीपक जलाया जाता है। दीपक जलाने का शुभ समय 06:30 बजे से लेकर 07:30 बजे तक रहेगा।
रूप चतुर्दशी 6 नवंबर को है। इस दिन दरिद्रता की पूजा की जाती है, ताकि वो घर से चली जाए और अगले दिन लक्ष्मी मां का आगमन हो। इस दिन अकाल मृत्यु से बचाव के लिए घर के मुख्य द्वार पर चौमुखी दीपक जलाया जाता है। दीपक जलाने का शुभ समय 06:30 बजे से लेकर 07:30 बजे तक रहेगा।
दीपावली पर पूजन का समय
7 नवंबर को दिवाली है। इस दिन सुबह हनुमान बाबा का पूजन करने से संकट दूर होते हैं। इसलिए सुबह हनुमान जी की पूजा करें व चोला आदि चढ़ा सकते हैं। शाम के समय मां लक्ष्मी और गणपति का पूजन करें व उनके घर में प्रवेश के लिए घर को अच्छे से साफ करें। रंगोली आदि बनाएं। मुख्य़द्वार पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि माता यहीं से प्रवेश करती हैं।
7 नवंबर को दिवाली है। इस दिन सुबह हनुमान बाबा का पूजन करने से संकट दूर होते हैं। इसलिए सुबह हनुमान जी की पूजा करें व चोला आदि चढ़ा सकते हैं। शाम के समय मां लक्ष्मी और गणपति का पूजन करें व उनके घर में प्रवेश के लिए घर को अच्छे से साफ करें। रंगोली आदि बनाएं। मुख्य़द्वार पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि माता यहीं से प्रवेश करती हैं।
पूजन का अति शुभ समय शाम 06:04 मिनट से लेकर 08:05 बजे तक और 08:05 से लेकर 10:14 मिनट तक है। दिवाली की रात को जागरण करके माता लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए। पूजन उत्तर—पूर्व दिशा में करें।
गोवर्धन पूजा का समय
8 नवंबर को गोवर्धन पूजन होगा। पूजन का अतिशुभ समय सुबह 07:18 से लेकर 09:36 मिनट तक है। शुभ समय 09:36 से 11:41 मिनट तक है। शाम को अति शुभ समय 05:56 बजे से लेकर 07:52 बजे तक और शुभ समय 07:52 बजे से 10:06 बजे तक है।
8 नवंबर को गोवर्धन पूजन होगा। पूजन का अतिशुभ समय सुबह 07:18 से लेकर 09:36 मिनट तक है। शुभ समय 09:36 से 11:41 मिनट तक है। शाम को अति शुभ समय 05:56 बजे से लेकर 07:52 बजे तक और शुभ समय 07:52 बजे से 10:06 बजे तक है।
भाई दूज पर टीके का शुभ मुहूर्त
9 नवंबर को भाईदूज है। इस दिन भाई को टीका करने का शुभ समय सुबह 07:10 बज से 09:28 बजे तक है। 10:30 से 12 बजे तक राहूकाल रहेगा, इस समय में टीका बिल्कुल न करें। इसके बाद 01:16 बजे से लेकर 02:45 बजे तक अतिशुभ समय है। 02:45 से 04:42 तक शुभ समय है। इसके बाद शाम को 05:48 अजे से 07:44 बजे तक अति शुभ समय है। ध्यान रखें कि टीका करते समय भाई का मुख पूर्व की तरफ और बहन का उत्तर की तरफ हो। चौक पूरें और चौक पर पाटा रखकर भाई को बैठाएं। सिर पर कपड़ा रखकर टीका करें।
9 नवंबर को भाईदूज है। इस दिन भाई को टीका करने का शुभ समय सुबह 07:10 बज से 09:28 बजे तक है। 10:30 से 12 बजे तक राहूकाल रहेगा, इस समय में टीका बिल्कुल न करें। इसके बाद 01:16 बजे से लेकर 02:45 बजे तक अतिशुभ समय है। 02:45 से 04:42 तक शुभ समय है। इसके बाद शाम को 05:48 अजे से 07:44 बजे तक अति शुभ समय है। ध्यान रखें कि टीका करते समय भाई का मुख पूर्व की तरफ और बहन का उत्तर की तरफ हो। चौक पूरें और चौक पर पाटा रखकर भाई को बैठाएं। सिर पर कपड़ा रखकर टीका करें।