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यूपी बोर्ड के विद्यार्थी ध्यान दें… कक्षा 9 से 12 तक के सभी स्टूडेंट्स को बनानी होगी ई-मेल आईडी, जानिए क्यों

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव के आदेश पर 15 मई तक सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों की ई-मेल आईडी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा गया है। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बताया कि ई-मेल आईडी मांगे जाने का उद्देश्य सूचानाओं के साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच सीधा संवाद करना है।

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आगरा

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lokesh verma

May 05, 2022

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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कक्षा 9 से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए ई-मेल आईडी बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। बोर्ड के राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों को इसके लिए निर्देशित किया गया है। सभी विद्यालयों को 15 मई तक ई-मेल आईडी बनवाने का लक्ष्य दिया गया है। इस व्यवस्था का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों से जुड़ी माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ विभागीय सूचनाओं को सीधे ई-मेल के जरिए पहुंचाना है। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल 30 फीसदी स्टूडेंट्स के पास पहले से ई-मेल आईडी उपलब्ध है। वहीं अब शेष 70 फीसदी की ई-मेल आईडी बनवाने का कार्य किया जाएगा।

डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए जा चुके हैं। 15 मई तक सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों की ई-मेल आईडी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा गया है। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बताया कि ई-मेल आईडी मांगे जाने का उद्देश्य सूचानाओं के साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच सीधा संवाद करना है। साथ ही इससे शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा।

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अब मूल्यांकन में आएगी तेजी

बता दें कि वर्तमान में यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। मुकेश अग्रवाल ने बताया कि इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की कॉपियों के मूल्यांकन में अब तेजी आने की उम्मीद है। क्योंकि हाईस्कूल की कॉपियों का मूल्यांकन करने वाले 11 शिक्षकों को इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए रिलीव किया गया है।

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72 में से सिर्फ 11 परीक्षक ही पहुंचे

उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए बोर्ड स्तर से 72 परीक्षक नियुक्त किए गए थे, लेकिन महज 11 परीक्षकों ने ही अभी तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। परीक्षकों की कमी को देखते हुए उपनियंत्रक ने अपने स्तर पर 12 परीक्षकों को नियुक्त किया है। वहीं 11 और परीक्षकों आने से संख्या 34 पहुंच गई। इससे मूल्यांकन में तेजी आएगी।