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ताजमहल का शहर आगरा दुनिया का आठवां प्रदूषित शहर, यहां की हवा हुई जहरीली, मानव जीवन पर भारी संकट

WHO की रिपोर्ट से चिन्ता बढ़ गई है। प्रदूषण पर शायर अमीर अहमद की पंक्तियां मौजूं हैं- सांस मुझको भी इसमें लेनी है, क्यों फिजाओं में जहर घोलूं मैं।

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pollution in agra

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आगरा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ताजमहल के शहर आगरा को दुनिया का सबसे प्रदूषित आठवां शहर माना है। इसका आधार है पीएम2.5 पर्टिकुलेट मैटर 2.5)। ये धूल के कण होते हैं, दो अदृश्य हैं। ये सांस के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। आगरा में धूल की विकट समस्या है। इस समय नेशनल हाईवे-2 पर निर्माण कार्य चल रहा है। चारों ओर धूल ही धूल है। आगरा के प्रदूषण पर शायर अमीर अहमद एडवोकेट की दो पंक्तियां मौजूं हैं- सांस मुझको भी इसमें लेनी है, क्यों फिजाओं में जहर घोलू मैं।

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अनेक उपाय

WHO की रिपोर्ट में नम्बर एक पर है उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस तीसरे नम्बर पर है। आगरा को आठवें नम्बर पर रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आगरा को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। कोई भी प्रदूषित औद्योगिक उद्योग की स्थापना नहीं होने दी जा रही है। ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए तमाम तरह की गतिविधियों पर रोक है। यहां तक कि ताजमहल के आसपास ईधन चालित वाहनों पर भी रोक है।

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निर्माण कार्यों से उड़ रही धूल

आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन (एडीएफ) के सचिव केसी जैन ने बताया कि पीएम2.5 की उत्तपत्ति टूटी सड़कों, सड़क किनारे कच्ची पटरियां, निर्माण कार्य से होती है। कायदे से निर्माण के दौरान सतत रूप से पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए, जो नहीं किय जाता है। इसके चलते पीएम2.5 की मात्रा बढ़ जाती है। संजय प्लेस, आगरा में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण मापी स्वचालित यंत्र स्थापित किया है। आगरा में इस समय पीएम2.5 की मात्रा दोपहर में 159 थी और शाम चार बजे 153 थी, जो मानक से अधिक है। उनका कहना है कि कच्चे स्थानों को पक्का किया जाए। निजी वाहनों के स्थान पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था सुदृढ़ हो। निर्माण कार्य के दौरान धूल न उड़ने दी जाए।

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मानव जीवन को खतरा

पर्यावऱणविद डॉ. केएस राना ने बताया कि पीएम2.5 से ताजमहल को तो नहीं, लेकिन मानव जीवन को खतरा है। श्वांस संबंधी तमाम रोगों के लिए पीएम 2.5 को जिम्मेदार माना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा बाईपास पर कई साल से निर्माण कार्य कर रहा है। हर वक्त धूल उड़ती रहती है। बाईपास पर वाहनों का दबाव भी सबसे अधिक है। इसके चलते बाईपास के किनारे रहने वाले जैसे सिकंदरा , भगवान टॉकीज, कमलानगर, वॉटर वर्क्स, रामबाग, ट्रांस यमुना निवासियों के लोगों के लिए अधिक खतरा है।

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रिपोर्ट समझ से परे

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अतुलेश यादव का कहना है कि आगरा में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। पहले जैसी समस्या नहीं है। इसके बाद भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगरा को दुनिया के आठवें प्रदूषित शहरों में शुमार किया है, जो समझ से परे है। ताजमहल, एत्मादउद्दौला, रामबाग, नुनिहाई में प्रदूषण मापी संयंत्र लगे हुए हैं। सतत रूप से निगरानी की जा रही है। नगर आयुक्त अरुण प्रकाश का कहना है कि आगरा शहर में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशानुसार सख्ती की जा रही है। प्रदूषण रोकने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं।

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