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गुजरात की पांच नगरपालिकाओं को स्वच्छता के गुर सिखाएगी अहमदाबाद मनपा

-स्वच्छ शहर जोड़ी पहल: रिवरफ्रंट हाउस में सभी नपा के साथ मनपा ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

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AMC Mou

Ahmedabad. देश के बड़े शहरों में स्वच्छता में अव्वल रहने वाले अहमदाबाद शहर के अधिकारी और पदाधिकारी गुजरात की पांच नगरपालिकाओं के अधिकारी और पदाधिकारियों को स्वच्छता के गुर सिखाएंगे। शनिवार को अहमदाबाद मनपा के रिवरफ्रंट हाऊस में इसको लेकर पांचों नगरपालिकाओं के साथ अहमदाबाद मनपा ने समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

महापौर प्रतिभा जैन, मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणी, उपमहापौर जतिन पटेल, स्थायी समिति अध्यक्ष देवांग दाणी, मनपा उपायुक्त अमृतेश औरंगाबादकर और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट विभाग के निदेशक विजय मिस्त्री की उपस्थिति में करार किया गया।

मनपा के तहत भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन (एसबीएम-यू-2.0) के तहत एक महत्वाकांक्षी स्वच्छ शहर जोड़ी की पहल की है। इसके तहत स्वच्छता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बड़े शहर अन्य शहरों व नगरों को स्वच्छता में बेहतरी के गुर सिखाएंगे, उनका मार्गदर्शन करेंगे। इसके तहत अहमदाबाद महानगर पालिका राज्य की पांच नगरपालिकाओं को स्वच्छता के गुर सिखाएगी। इनमें साणंद नगर पालिका, सलाया नपा, राणावाव नपा, मुंद्रा बरोई नपा और वांकानेर नगरपालिका शामिल है। ये ऐसी नगर पालिकाएं हैं, जिनका प्रदर्शन वर्ष 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में कमजोर रहा था। अब 2025 के स्वच्छता सर्वेक्षण में इन नपा की स्थिति बेहतर करना है।

अहमदाबाद शहर के श्रेष्ठ कार्य, पद्धति का होगा अमल

करार के तहत अहमदाबाद मनपा की ओर से स्वच्छता के लिए अपनाए गए श्रेष्ठ कार्य और पद्धति इन पांचों नपा में अमल कराया जाएगा। समयबद्ध और परिणामदायी लाभ मिलें इसके लिए 100 दिनों तक मनपा-नपा मिलकर कार्य करेंगे। इसमें नपा किस प्रकार घर-घर से सूखे और गीले कूड़े का विभाजन करते हुए उसे अच्छे से एकत्र कर सकती है, फिर एकत्र कूड़े का कैसे निपटारा किया जाए, उसके गुर सिखाए जाएंगे। नगरपालिकाओं की मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए जरूरी तकनीकी और प्रशासनिक विशेषज्ञता की मदद भी दी जाएगी। कूड़े की प्रोसेसिंग की सुविधा स्थापित करने में मदद की जाएगी और स्वच्छता लोगों को नजर भी आए इस हिसाब से कार्य को अमल में लाया जाएगा।

इन 8 क्षेत्रों पर रहेगा मुख्य फोकस

पहल के तहत 8 मुख्य फोकस क्षेत्र तय किए गए हैं। इसमें दृश्यमान स्वच्छता, कूड़े का विभाजन और परिवहन, सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग, स्वच्छता की सुविधाओं की पहुंच, उपयोग में लिए जा चुके पानी का व्यवस्थापन, मशीनों से सीवरेज की सफाई, सफाई कर्मचारियों का कल्याण, स्वच्छता जागरुकता अभियान, लोगों की प्रतिक्रिया और शिकायत निवारण शामिल है।