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Ahmedabad सोलर प्रोजेक्ट इंस्टॉलेशन के मंजूर लोड की 50 फीसदी क्षमता की सीमा हटाई

locationअहमदाबादPublished: Sep 19, 2019 11:05:00 pm

MSME, Gujarat goverment, CM Vijay rupani, Deputy CM Nitin patel, solar energy, एमएसएमई उद्योग सोलर पॉलिसी-2015 में अहम सुधार, 33 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा प्रोत्साहन

Ahmedabad सोलर प्रोजेक्ट इंस्टॉलेशन के मंजूर लोड की 50 फीसदी क्षमता की सीमा हटाई

Ahmedabad सोलर प्रोजेक्ट इंस्टॉलेशन के मंजूर लोड की 50 फीसदी क्षमता की सीमा हटाई

गांधीनगर. राज्य सरकार ने हरित और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को तेजी देने के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम औद्योगिक इकाइयों (एमएसएमई) को भी सौर ऊर्जा उत्पादन का व्यापक लाभ मुहैया कराने के लिए इससे जुड़ी पॉलिसी में अहम सुधार की घोषणा की है। पॉलिसी को उद्योग एवं पर्यावरण के और भी ज्यादा अनुकूल बनाने की कोशिश की है।
CM Vijay rupani मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2015 में सोलर पॉलिसी घोषित की थी। एमएसएमई इकाइयों को भी सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रेरित करने को इसमें विशेष रियायद दी जा रही है।
ऊर्जा मंत्री सौरभभाई पटेल ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सोलर प्रोजेक्ट के इंस्टॉलेशन के लिए स्वीकृति किए गए लोड की 50 फीसदी क्षमता की तय सीमा को हटा दिया गया है। अब एमएसएमई इकाइयां मंजूर किए गए लोड की 100 फीसदी से अधिक क्षमता का सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित कर सकेंगी।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय के चलते एमएसएमई इकाइयों द्वारा वर्तमान में बिजली की खपत के लिए विद्युत कंपनियों को दी जाने वाली प्रति यूनिट करीब 8 रुपए की रकम में कमी आने से लगभग 3 रुपए का लाभ भी होगा।
जो एमएसएमई इकाइयां अपने स्वामित्व की जगह या जमीन पर सौर ऊर्जा उत्पादन करेंगी वो लगभग 3.80 रुपए और किराए के अन्यत्र स्थान पर करने पर करीब 2.75 रुपए तक का फायदा ले सकेंगीं।
निर्णय की खासियत यह भी है कि एमएसएमई इकाइयां अन्य पार्टी यानी कि थर्ड पार्टी से भी सोलर एनर्जी की खरीदी कर सकती है। यदि एमएसएमई इकाइयों के पास सौर ऊर्जा उत्पादन की सहूलियत नहीं है तो अन्यत्र किराए की जगह में भी वे सौर ऊर्जा उत्पादन कर हरित-स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त कर सकती हैं।
ज्यादा उत्पादन होने पर सरकार को बेच सकेंगे सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल करने के बाद बची अतिरिक्त बिजली को सौर ऊर्जा ग्रिड में देने पर राज्य सरकार की विद्युत कंपनियां उसे लगभग 1.75 रुपए प्रति यूनिट की दर पर खरीदेंगी। इस अभिनव पहल से गुजरात में सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए विन-विन सिचुएशन की नई दिशा खुली है।
उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाली ऐसी एमएसएमई इकाइयों को इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी और व्हीलिंग चार्ज का नियमानुसार भुगतान करना होगा। हाल में गुजरात सरकार ने सूर्य गुजरात (सोलर रूफटॉप) योजना घोषित कर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन को व्यापक रूप से प्रोत्साहित किया है। सोलर रूफटॉप के क्षेत्र में 8 लाख घरों को जोडऩे का लक्ष्य वर्ष 2022 तक पूरा करने को गुजरात तैयार है। वहीं, अब 33 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को भी हरित और स्वच्छ सौर ऊर्जा के लिए प्रोत्साहित कर समग्र राज्य में प्रदूषण रहित ऊर्जा उत्पादन के जरिए गुजरात सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी देश का नेतृत्व करने को तैयार है।
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