
अब्दुल करीम टुंडा और उसका एक अन्य साथी आरोपी व्हील चेयर पर बैठकर पहुंचे। इन दोनों की ये हालत देखकर हर कोई चौंक गया। इधर कोर्ट का फैसला सुनने के लिए इन आरोपियों के परिजन भी पहुंचे थे।
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विवादित ढांचा ढहाए जाने की बरसी पर 1992 में देश के पांच शहरों में सीरियल बम धमाकों का मामला अंतिम दौर में आ गया है। टाडा कोर्ट में आरोपियों के साथ जांच एजेंसियों, सीबीआई व सरकार की ओर से अंतिम बहस पूर्ण कर ली गई है। अजमेर में डेजिग्नेटेड कोर्ट ऑफ राजस्थान (टाडा कोर्ट) ने मामले में 29 फरवरी को फैसला सुनाने की तारीख दी है। संयोग यह भी कि 20 साल पहले 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर शेष की सजा बहाल रखी थी।
[typography_font:14pt;" >यह था मामला
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यह बनाए आरोपी
- 1994 को प्रकरण टाडा कोर्ट में आया
- टाडा कोर्ट ने 28 फरवरी 2004 को सुनाई उम्रकैद।
फरार हुए - इरफान अहमद, निसार अहमद, मौहम्मद तुफैल।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2015 से हो रही नियमित सुनवाई।
इन आरोपियों का होना है फैसला
अब्दुल करीम उर्फ टूंडा 2015 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार व अजमेर जेल स्थानांतरित, हमीदुदीन 2010 व इरफान 2014 से अजमेर जेल में।
Published on:
29 Feb 2024 12:19 pm
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