वकील अल्पना शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट (supreme courtof india)में याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका मेंबताया कि बीसलपुर बांध में 315.50 आरएल मीटर से ज्यादा पानी आ चुका है। इसके बावजूद जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 से 72 घंटे में जलापूर्ति हो रही है। जबकि जयपुर को रोजाना पानी दिया जा रहा है। इसके अलावा जयपुर (jaipur) में मावठा तालाब भी बीसलपुर से भरा जा रहा है। उन्होंने पत्रिका की 24 घंटे में जलापूर्ति संबंधित खबर को भी याचिका के तथ्यों में शामिल किया है।
वकील शर्मा ने बताया कि मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (chif justice of india)करेंगे। वे शीघ्र उनसे मुलाकात करेंगी। अक्टूबर में अयोध्या प्रकरण (Ayodhya matter) में फैसला भी आना है। लिहाजा वे प्रधान न्यायाधीश से मामले की जल्द सुनवाई अथवा इसे अन्य न्यायाधीश को ट्रांसफर करने की प्रार्थना भी करेंगी। ताकि बीसलपुर मामले में जल्द फैसला हो सके।
कांग्रेस (CONGRESS GOVT) की पिछली और मौजूदा और भाजपा की पिछली सरकार ने अजमेर को 24 घंटे में जलापूर्ति की कई बार घोषणाएं की। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhra raje)ने जलदाय विभाग को अजमेर को नियमित जलापूर्ति के निर्देश भी दिए गए। लेकिन विभाग (phed) ने शहर के लिए अतिरिक्त वाटर स्टोरेज टैंक, नई पाइप लाइन के लिए 1 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्चा बता दिया। तबसे यह मामला अधर में है।
-11 टीएमसी पानी चाहिए जयपुर, अजमेर, और टोंक जिले के लिए
-1.50 टीएमसी पानी प्रतिवर्ष हो जाता है वाष्पीकृत
-1 टीएमसी पानी होता है चोरी और काश्तकारी पेटे के उपयोग