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भूपेन्द्र सिंह.अजमेर
सोलर एनर्जी को अपनाते हुए किसानों farmers ने आत्मनिर्भर बनने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। केन्द्र सरकार के नवीन एंव नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना (पीएम कुसुम) kusum के तहत अजमेर डिस्कॉम ajmer discom ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 6 हजार600 किसानों के कनेक्शन का सोलराइजेशन करते हुए इलेक्ट्रिक मोटरें सोलर पौनल से चलाई जाएंगी।solar power plant इनमें से 3 हजार 909 किसानों ने अपनी सहमति दे दी है। अजमेर में 390,भीलवाड़ा में 593, राजसमंद 497,बांसवाड़ा 373, डूंगरपुर 682,चित्तौड़ 94 तथा प्रतापगढ़ में 1274 इलेक्ट्रिक मोटरों का सोलराइजेशन किया जाएगा। डिस्कॉम ने इसके लिए निविदाएं जारी कर दी है। किसानों की अनुपयोगी जमीन का उपयोग सोलर प्लांट लगाने में हो सकेगा। इससे उत्पादित बिजली का उपभोग करने के साथ ही अतिरिक्त बिजली को किसान डिस्कॉम को बेचकर कमाई भी कर सकेगा। किसान को दिन में बिजली मिलेगी।
राजसमन्द में पायलट प्रोजेक्ट
अजमेर डिस्कॉम ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजसमन्द जिले का एक फीडर चुना है। इस पर फीडर के 21 कुंओं पर लगी बिजली की मोटरों को सोलर पैनल से परिवर्तित करते हुए सोलराईजेशन किया जाएगा। इससे किसान को दिन में बिजली मिलेगी। जब मोटर का उपयोग नहीं हो रहा होगा उस दौरान सोलर पैनल से उत्पादित बिजली को किसान ग्रिड को बेच सकेगा इससे उसे कमाई भी होगी। इस योजना के तहत किसान आत्मनिर्भर बन सकेगा,उसे कृषि कनेक्शन के लिए वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ऊर्जा विभाग ने अजमेर डिस्कॉम को बनाया नोडल
ेराजस्थान में 12 हजार 500 सौ बिजली की मोटरों को सोलर पम्पिंग सिस्टम के जरिए रिप्लेस किए जाने का लक्ष्य है। जयपुर,अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम को पायलट प्रोजेक्ट के लिए 1-1 फीडर को चुना है। इस तरह रा’य के 69 कुओं पर पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक कुंए पर कनेक्शन की क्षमता के अनुसार सोलर प्लेट लगाई जाएंगी,स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली मिलेगी। ऊर्जा विभाग ने इसके लिए अजमेर डिस्कॉम को नोडल बनाया है।
इस तरह होगा काम
किसान के कुंए पर लगी इलेक्ट्रिक मोटर को सोलर पैनल से बदला जाएगा। किसान को सोलर पैनल के लिए खर्च होने वाली कुल राशि का 10 फीसदी देना होगा। जबकि 30 फीसदी राशि केन्द्र व 30 फीसदी राशि रा’य सरकार देगी। 30 प्रतिशत राशि निगम किसान को ऋण के रूप में उपलब्ध करवाएगा। सोलर पैनल लगाने के बाद इसकी राशि 3 साल में वसूल हो जाएगी। ठेकेदार कम्पनी 5 साल तक इसकी मेंटीनेंस करेगी।
Published on:
14 Oct 2019 03:02 am
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