
चंद प्रकाश जोशी
Bijainagar Blackmail Case : बिजयनगर ब्लैकमेल कांड को अंजाम देने से पूर्व सुनियोजित तरीके से छात्राओं को प्रेमजाल में फांसा गया। कुछ छात्राओं की हिन्दूवादी संगठन में सक्रिय भागीदारी भी समुदाय विशेष के युवक एवं ‘सरपरस्त’ (सरगना) की आंखों में खटक रही थी। इसमें सरपरस्त का सॉफ्ट चेहरे का नकाब हटने के बाद ही मामले में किसी गिरोह का पर्दाफाश हो सकेगा। राजस्थान पत्रिका टीम की ओर से ग्राउंड जीरो से जुटाई गई जानकारी एवं परिजन से हुई बातचीत के बाद परत-दर परत मामले से पर्दा उठाने का प्रयास किया गया। स्कूली छात्राओं को ही चुनने और इन्हें शिकार बनाने के तहत गिरोह के ‘सरपरस्त’ की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। परिजन के अनुसार कुछ स्कूली छात्राएं हिन्दूवादी संगठन की नियमित गतिविधियों में शामिल होती थीं। यही नहीं आत्मरक्षा के लिए लाठी चलाना आदि भी सीखती थीं।
यह समुदाय विशेष के क्षेत्र में रहने से कथित ‘गिरोह’ की आंखों में खटक रहा था। छात्राओं की संगठन में सक्रियता का प्रभाव ना बढ़े इसलिए टारगेट का बेस ही इन छात्राओं को रखा, ताकि अन्य समुदाय की धार्मिक गतिविधियां शुरू करवाकर छात्राओं के मन में पल रहे मंसूबों को रोका जा सके।
एक पीड़ित छात्रा के परिजन के मुताबिक समुदाय विशेष की धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने के दबाव से ही कहीं ना कहीं पीड़िताओं की विचारधारा पुन: जागृत हुई और परिजन के समक्ष उनके साथ हुई घटना को बयां कर दिया। हिन्दूवादी संगठन की महिला पदाधिकारी व अन्य भी मामले के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।
कथित सरपरस्त अन्य समुदाय का होने के बावजूद हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाता है। यहां तक कि केसरिया रंग से भी कभी परहेज नहीं किया, हालांकि यह सब पुलिस जांच एवं साक्ष्य का विषय है। घटना के बाद से ही परिजन में भय, आक्रोश है। एक परिजन की तो घटना बताते हुए आंखें भर आईं। वे सिर्फ समाज की अन्य बेटियों को इस तरह के कृत्य एवं घटनाओं से बचाने के लिए खुलकर सामने भी आए हैं।
Updated on:
23 Feb 2025 08:11 am
Published on:
23 Feb 2025 07:08 am
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