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अजमेर के बिजयनगर ब्लैकमेल कांड की खुलने लगी परतें, सरगना भूमिगत, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

Bijainagar Blackmail Case : बिजयनगर ब्लैकमेल कांड की परतें खुलने लगी हैं। इस केस में दरिंदगी की हद हो गई थी, देहशोषण-धर्मांतरण के लिए स्कूली छात्राओं की कलाई तक काटी है। सरगना भूमिगत हो गया है। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट।

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Ajmer Bijainagar Blackmail Case Exposed Mastermind is Underground Read Ground Report

चन्द्र प्रकाश जोशी/मनीष कुमार सिंह
Bijainagar Blackmail Case : अजमेर के बिजयनगर कस्बे में नाबालिग स्कूली छात्राओं के देहशोषण, धर्मान्तरण और ब्लैकमेल कांड की परत-दर-परत खुल रही हैं। हर रोज अपराधियों की घिनौनी करतूतें और नापाक मंसूबे उजागर हो रहे हैं। आशंका है कि बिजयनगर ब्लैकमेल कांड 1992 के अजमेर ब्लैकमेल कांड से भी ज्यादा खौफनाक है। आरोपी युवक छात्राओं के साथ शहर के कैफे मे बने केबिन में न केवल देहशोषण करते, बल्कि ब्लैकमेल कर धर्मान्तरण का दबाव भी बनाते थे। धार्मिक क्रिया-कलाप नहीं करने पर पीड़िताओं की कलाई काटने तक की यातनाएं दी गईं। इस कृत्य के पीछे कस्बे के एक कथित ‘सरपरस्त’ (संरक्षक) का नाम भी सामने आया है, जो प्रकरण के बाद से भूमिगत है।

ग्राउंड जीरो पर पड़ताल, चल रहा था घिनौना खेल

राजस्थान पत्रिका टीम ने शुक्रवार को ग्राउंड जीरो पर पड़ताल की तो पता चला कि 6 माह से इन स्कूली छात्राओं के साथ एक समुदाय विशेष के कुछ युवक घिनौना खेल, खेल रहे थे। इनमें कुछ छात्राओं के साथ देहशोषण भी हुआ है। हमाली व दिहाड़ी मजदूरी करने वाले आरोपी लुकमान उर्फ सोहेब, सोहेल, रेहान, अफराज, आशिक, करीम व अन्य को कस्बे के ‘सरपरस्त’ से इस छात्राओं के देहशोषण और धर्मपरिवर्तन के लिए पूरा संरक्षण और आर्थिक सहयोग मिल रहा था। पुलिस आरोपियों के सहयोगी की सरगर्मी से तलाश में जुटी है।

‘सरपरस्त’ मदद कर जमाता था विश्वास

पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि आरोपियों का ‘सरपरस्त’ कस्बे में कमजोर तबके के परिवारों को आर्थिक मदद व राशन आदि दिलाकर परिवारों को विश्वास में लेता और फिर आरोपियों को इन परिवारों की बच्चियों के साथ घिनौने कृत्य के लिए प्रेरित करता। पीड़िताओं के परिजनों बताया कि सरपरस्त की गिरफ्तारी से कई गहरे राज खुलेंगे। इस सरपरस्त की तस्दीक पीड़िताओं ने अपने बयान में भी की है।

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मिलते थे 10 से 20 लाख रुपए

पीड़िता व उनके परिजनों के मुताबिक आरोपी खास धर्म और जाति की नाबालिग लड़कियों को टारगेट करते थे। इसके लिए उन्हें 10 से 20 लाख रुपए मिलते थे। यही कारण है कि दिहाड़ी मजदूरी करने वाले आरोपी लग्जरी कार, ब्रांडेड मोबाइल फोन के साथ महंगे रेस्टोरेंट व कैफे में मौज-मस्ती करते थे। हालांकि पुलिस अनुसंधान में तथ्यों की फिलहाल पुष्टि नहीं हो सकी है।

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कैफे की हट्स में होता था देहशोषण

कस्बे में चिल आउट कैफे के अलावा पिज्जा हट और स्काई डे नाम से शहर के बीच कैफे संचालित हैं। जहां 200 रुपए प्रतिघंटे के हिसाब से मिलने वाली ‘हट्स’ में लुकमान, सोहेल, करीम व उनके साथी स्कूली छात्राओं के साथ अनैतिक कृत्य करते थे। धर्मांतरण से इनकार पर आरोपी ने कैफे में एक पीड़िता की कलाई तक काट दी थी। घटना के बाद शुक्रवार को तीनों कैफे व हट्स बंद मिले।

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पोक्सो एक्ट की धाराओं में होगी कार्रवाई

प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। अपराधियों को सहयोग, संरक्षण या प्रोत्साहित करने वालों के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
ओमप्रकाश, डीआइजी, अजमेर रेंज

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