इसमें पुणे की दो कम्पनियों ने भागीदारी की। इसमें एक कम्पनी को योग्य पाया गया है लेकिन अब उसे वर्क ऑर्डर जारी करने का मामला अटक गया है। अब बसों की खरीद व संचालन अगले साल ही संभव होता नजर आ रहा है।
स्मार्ट सिटी के तहत 15 बसें खरीदी जाएंगी। 32 सीटर इन बसों का संचालन अजमेर-पुष्कर के बीच होगा। पुष्कर के लिए एसी बस चलेगी। बसों के लिए 6 रूट निर्धारित किए गए हैं। अनुमति के बाद ही मिलेगी ज्वाइनिंग
नगर निगम सफाई कर्मचारी भर्ती के चयनितों की ज्वाइनिंग का मामला चुनाव आचार संहिता के कारण अटक गया है। निगम ने 1134 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की थी। इनमें से विकलांग व खेल कोटे के 100 पद रिक्त रह गए।
1034 के नियुक्ति आदेश जारी हो गए है लेकिन इससे पूर्व इनके दस्तावेजों आदि की जांच की गई। 100 अभ्यर्थियों की शिकायतें शामने आई है। इनके नियुक्ति आदेश रोके गए हैं। करीब 900 अभ्यार्थियों को ज्वाइनिंग देनी है। इसके लिए चुनाव आयोग से मंजूरी ली जाएगी। निगम आयुक्त हिमांशु गुप्ता ने बताया कि मार्गदर्शन के लिए मामला डीएलबी को भेजा गया है।
यहां पनपे बाहर से आए लोग, पिछड़ गए यहां के जन्मे जिले का राजनीतिक इतिहास यूं तो खासा लंबा रहा है। यहां से कई कद्दावर नेता जयपुर व दिल्ली तक अपना डंका बजा चुके हैं। यही नहीं अजमेर का अपना एक अलग महत्व यूं भी कहा जा सकता है कि जब प्रदेश में सभी रियासतों का विलीनीकरण हो गया लेकिन मेरवाड़ा स्टेट सबसे अंत में राजस्थान मेंविलय हुई। यहां के मुख्यमंत्री व मंत्री अलग हुआ करते थे।
1956 में विलय के बाद राजस्थान बना। राजधानी केवल मात्र इस लिए नहीं बन सका क्यों कि यहां पानी व भौगोलिक परिस्थितियां अनुकुल नहीं थीं। चारों ओर पहाड़ होने के कारण शहर को राजधानी नहीं बनाया जा सका।
1956 में विलय के बाद राजस्थान बना। राजधानी केवल मात्र इस लिए नहीं बन सका क्यों कि यहां पानी व भौगोलिक परिस्थितियां अनुकुल नहीं थीं। चारों ओर पहाड़ होने के कारण शहर को राजधानी नहीं बनाया जा सका।