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गरीब नवाज की दरगाह के निजाम गेट के बाद शाहजहांनी (shahjahani gate) गेट है। इसी तरह खादिमों के अंजुमन कार्यालय के समीन छतरी (chatri gate) गेट है। इन दोनों गेट की चौड़ाई बहुत कम है। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स, मिनी उर्स सहित महाना छठी पर जायरीन की आवक ज्यादा होती है। इन दोनों गेट की चौड़ाई कम होने से जायरीन (pilgrims) को आवाजाही में परेशानी होती है। सालाना उर्स के छह दिन के दौरान तो ज्यादा मुश्किल होती है। मुंबई और अन्य इलाकों से आने वाले स्वयं सेवकों की सहायता से व्यवस्था सुचारू रह पाती है। यह भी पढ़ें
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चौड़े होने हैं दोनों गेट शाहजहांनी गेट 7.4 फीट चौड़ा है। इसके दोनों तरफ हुजरे भी बने हैं। इस गेट को करीब 4 फीट चौड़ा किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए यहां पर्याप्त जगह है। इसी तरह छतरी गेट को भी करीब 3 से 4 फीट चौड़ा (widening of gates) किया जाना है। गेटों की चौड़ाई ख्वाजा साहब के 808 वें सालाना उर्स से पहले बढ़ाई जानी है। दरगाह कमेटी (dargah committee) ने शीतकालीन अवकाश में यह काम शुरू कराने का फैसला भी किया था। लेकिन भारतीय पुरातत्व विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ और दक्ष कारीगर उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। यह भी पढ़ें