29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रात को ट्रेन से बेटी की शादी के लिए गांव जाने वाला था, दिन में हो गई मौत, पत्नी-बच्चों के नहीं थम रहे आंसू

दिहाड़ी श्रमिक अली अब्बास सोमवार रात ट्रेन से बड़ी बेटी की शादी के लिए परिवार के साथ अपने पैतृक गांव रवाना होने वाला था।

2 min read
Google source verification
photo_6127432406307812150_x.jpg

अजमेर। दिहाड़ी श्रमिक अली अब्बास सोमवार रात ट्रेन से बड़ी बेटी की शादी के लिए परिवार के साथ अपने पैतृक गांव रवाना होने वाला था। मगर ठेकेदार से बकाया 500 रुपए वसूलने व आधा दिन की मजदूरी के फेर में वह अपनी जिन्दगी गवां बैठा। जिस दीवार को गिराने के लिए अब्बास और उसके साथी श्रमिक आए थे, वह उन पर कहर बनकर ऐसी गिरी कि उनको सम्भलने का मौका तक नहीं मिल। खाना खा रहे अली अब्बास और उसके साथी श्रमिकों के मुंह का निवाला मुंह में रह गया।

शीशाखान पीर रोड निवासी दिहाड़ी श्रमिक अली अब्बास सोमवार रात पौने 11 बजे ट्रेन से अपने परिवार के साथ बिहार किशन गंज जाने वाला था। ट्रेन का रिजर्वेशन समेत तमाम व्यवस्थाएं हो चुकी थी लेकिन अली अब्बास सोमवार सुबह ठेकेदार मोहन लुहार से बकाया 500 रुपए लेने व रास्ता खर्च निकालने के फेर में आधे दिन की मजदूरी के लिए काम पर चला आया। दीवार ढहा रहे श्रमिकों के साथ अब्बास मलबा उठाने का काम कर रहा था। दोपहर को अली अब्बास दीवार के पास टैंक पर बैठकर खाना खा रहा था। तभी ईंट की दीवार और बीम भरभराकर गिर गई।

...कट गया गला

हादसे में अली अब्बास पर ना केवल ईंट का मलबा गिरा बल्कि दीवार के ऊपर सुरक्षा के लिहाज से लगे कांच के टुकड़े से उसका गला कट गया। वह जहां बैठा था, उसी जगह बैठा रह गया। पोस्टमार्टम में सामने आया कि उसका गला कटने के अलावा हाथ, कंधे में मल्टीपल इंजरी थी। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई।

यह भी पढ़ें : आरयू के भाभा हॉस्टल पर हमला, वीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे छात्र, देखें तस्वीरें

...रोका था मत जाओ
अब्बास की पत्नी आसमां ने बताया कि उसने सुबह घर से निकलने से पहले पति को काम पर जाने से रोका था लेकिन ठेकेदार से बकाया 500 रुपए और आधे दिन की मजदूरी लेकर रास्ते का खर्च के निकालने के हिसाब से काम पर चला गया।

यह भी पढ़ें : 11 दिन में 25 अंतिम संस्कार: श्मशान के चक्कर काटते थक चुका दूल्हे का भाई सांगसिंह, अब रो भी नहीं पाता

छह बच्चों के सिर से उठाया साया
अली अब्बास के सात बच्चे है। आसमां से 4 बच्चे खुशनमा, सुभान, नूरसलाम व कुदरती हैं जबकि पहली पत्नी से राजा, रानी और यासमीन है। राजा किशनगढ़ में मजदूरी करता है, रानी का विवाह हो चुका है जबकि यासमीन की शादी के लिए अब्बास अपने परिवार के साथ बिहार किशनगंज जा रहा था। यासमीन अपने दादा-दादी के साथ किशनगंज बहादुर गंज में रहती है।

...आंखों से छलकते रहे आंसू
हादसे ने दिहाड़ी श्रमिक अली अब्बास के परिवार को गहरा सदमा दिया है। पत्नी आसमां के साथ मासूम बेटी खुशनमा की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। अब्बास का ***** मोहम्मद नौशाद भी अपने परिवार के साथ अजमेर में रहकर मजदूरी करता है। पोस्टमार्टम कार्रवाई के दौरान परिवार मोर्चरी के बाहर बैठा रहा।