
Rajasthan News: यूपी के बहराइच में रविवार को हुई हिंसा के बाद अजमेर के अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का एक बयान सामने आया है। उन्होंने हाल ही में मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड पर भी सवाल उठाए हैं। सरवर चिश्ती ने कहा कि मुसलमानों को गालियां बकी जाएंगी तो फूल नहीं बरसेंगे।
एक वीडियो जारी कर सरवर चिश्ती ने कहा कि मुसलमानों के घर पर चढकर हरा झंडा उतारकर भगवा झण्डा पहनाया जा रहा और धर्म विशेष का झंडा लहराया जा रहा है तो फिर फूल तो बरसेंगे नहीं, जो हुआ यही होना था। उन्होंने कहा कि न्यूटन का सिद्धांत है, क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम कुदरत का कानून है।
सरवर चिश्ती ने आगे कहा कि आप घरों में भी घुस जाओगे, डीजे पर गालियां भी बकोगे, धर्म को भी गालियां बकोगे, मुसलमान समुदाय को गालियां बकोगे, फिर ये भी कहोगे कि मुसलमान रिएक्ट ना करे…फिर जब रिएक्ट करते हैं, तो उसके ऊपर जिन्होंने एक्शन किया उसको तो मीडिया दिखाता नहीं है और मुसलमानों के रिएक्शन को दिखा देता है। वहां पर भी डीजे बजा, मुसलमानों को मां-बहन की गालियां बकीं।
सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि ये तो आए दिन का हो गया। नुपूर शर्मा से लेकर कहा कि हमारे धार्मिक गुरु की शान में गुस्ताखी करते हैं, आज तक पकड़े नहीं जाते हैं। क्या हम किसी देवी-देवताओं के लिए ऐसा कुछ करते हैं…कोई हमारा धार्मिक जुलूस निकलता है तो हम किसी के धार्मिक स्थल पर जा के हमारे हरे रंग के झंडे लगाते हैं? क्या हम डीजे बजाकर उनको गालियां बकते हैं? लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सरवर चिश्ती ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई जेल से सुपारियां लेता है, नामचीन मुसलमानों को मारता है, कभी सिक्खों को मारता है, जब तक गवर्नमेंट का हाथ नहीं हो, तो क्या ऐसा हो सकता है, धर्म के अंदर क्राइम को भी जोड़ दिया है।
बहराइच हिंसा पर बोलते हुए कहा कि ये तो धार्मिक रैली ना होकर के एक सांप्रदायिक रैली हो गई…ये एकतरफा कार्रवाई हो रही है, घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं इसे 'इजरायली मैकेनिज्म' कहेंगे। 1967 में इजरायलियों ने पहले गाजा में घर तोड़े थे। वो ही पॉलिसी एडॉप्ट कर रहे हैं, वहीं पॉलिसी चला रहे हैं…वो तो एक बहुत छोटी सी जगह है, हिंदुस्तान तो बहुत बड़ा है। हमारे यहां डायवर्सिटी है। यूनिटी एंड डायवर्सिटी है, उसको आप बर्बाद कर रहे हैं।
RSS चीफ़ पर बोलते हुए सरवर चिश्ती ने कहा कि, "आरएसएस चीफ मोहन भागवत कहते हैं कि हिंदुओं एक होकर रहो…कहना यह चाहिए था, देशवासियों एक होकर रहो। अगर हिंदू एक होकर रहेंगे तो फिर हम मुसलमान ये बात कहेंगे तमाम अल्पसंख्यक एक होकर रहें…हमें भी फिर हक है ये बोलने का कि तमाम अल्पसंख्यक एक होकर रहें।
मुसलमानों में जिन्होंने हिम्मत को बांटा, जिन्होंने हिम्मत को बेचा, तो मुसलमान उनकी निशानदेही कर चुका है
अंत में उन्होंने कहा कि मैं कभी आवाज उठाता हूं, तो ये बात आती है कि ये मरवा देगा, ये मत बोलो, ऐसा नहीं बोलना चाहिए, अभी वक्त नहीं है…ये कौम को बुजदिल बनाने वाली बात है….हमारी कौम बुजदिल नहीं है, हम ये नहीं कह रहे कि आप किसी को डराओ, लेकिन डरना भी तो जुर्म है…ना किसी को डराओ, ना किसी से डरो। लिव एंड लेट लिव (जियो और जीने दो) प्यार-महोब्बत से रहो।
Published on:
17 Oct 2024 04:21 pm
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