स्टोर मॉड्यूल से निगम के प्रमुख्या स्टोर की स्टॉक पोजिशन/इन्वेंटरी ऑनलाइन देखी जा सकती है तथा केन्द्रीकृत प्रबन्धन आसानी से किया जा सकता है। आइटम की स्थिति को ट्रेक किया जा सकता है। यह भी पता लगाया जा सकता है कि आइटम तय जगह पर लगा अथवा नहीं। एसेट्स मैनेजेमेंट व गारंटी पीरियड मैनेजमेंट के द्वारा किसी भी सामान की गारंटी पीरियड तथा रिपेयर को ट्रेक किया जा सकता है। इससे सामान का गारंटी अवधि में ही रिपेयर करवाया जा सके गा।
इसलिए पड़ी जरूरत
निगम विद्युत कनेक्शन सहित अन्य कार्यों के लिए सालाना अरबों रुपए का सामान खरीदता है। इसके बाद इनका मुख्य स्टोर से सम्बन्धित जिलों तथा वहां के स्टोर से सम्बन्धित सहायक अभियंता कार्यालया को आवंटित कर दिया जाता है। यहां इनका रिकॉर्ड सही ढंग से संधारित नहीं होने पर यह पता नहीं चल पाता कि कौन सा सामान है और कौन सा नहीं। कई बार सामान पड़े-पड़े ही खराब हो जाता है तो कइयों की गारंटी अवधि ही निकल जाती है। वहीं कई जगहों पर कर्मचारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के जरिए सामान ही बेच दिया जाता है। अब ईआरपी के जरिए सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इससे प्रभावी मॉनिटरिंग होगी।
निगम विद्युत कनेक्शन सहित अन्य कार्यों के लिए सालाना अरबों रुपए का सामान खरीदता है। इसके बाद इनका मुख्य स्टोर से सम्बन्धित जिलों तथा वहां के स्टोर से सम्बन्धित सहायक अभियंता कार्यालया को आवंटित कर दिया जाता है। यहां इनका रिकॉर्ड सही ढंग से संधारित नहीं होने पर यह पता नहीं चल पाता कि कौन सा सामान है और कौन सा नहीं। कई बार सामान पड़े-पड़े ही खराब हो जाता है तो कइयों की गारंटी अवधि ही निकल जाती है। वहीं कई जगहों पर कर्मचारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के जरिए सामान ही बेच दिया जाता है। अब ईआरपी के जरिए सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इससे प्रभावी मॉनिटरिंग होगी।
एक्सइएन कार्यालयों को भी जोड़ा अजमेर डिस्कॉम वर्तमान में ईआरपी के अन्तर्गत स्टोर मॉड्यूल सभी एसीओएस कार्यालयों के साथ-साथ उपखंड कार्यालयों में भी उपयोग में ले रहा है। इसके अन्तर्गत सामान एसीओएस से एसीओएस तथा एसीओएस से उपखंड तक सामान का स्थानांतरित किया जा रहा है। उपखंडों द्वारा मैटेरियल क्रेडिट नोट (एमएनसी) भेजना तथा एसीओएस पर स्टॉक लेना। रिपेयर तथा मॉडिफिकेशन के लिए मैटेरियल सप्लायर को देना तथा सही अथवा मॉडीफाइड होने बाद पुन: स्टॉक में लेना।
इनका कहना है ईआरआपी सिस्टम लागू किया है। मैटेरियल के माइक्रो मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। अब कहां क्या सामान है, इसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। इससे सामान वितरण में आसानी होगी। इस व्यवस्था से एइएन ऑफिस को भी जोड़ा जा रहा है।
वी.एस.भाटी, एमडी अजमेर डिस्कॉम
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