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सावधान: ‘Any Desk’ एप की तरह आया ये नया एप, आर्मी के जावन और शिक्षिकाएं भी बन गई Cyber Crime का शिकार

Cyber Crime: बढ़ते साइबर क्राइम में अपराधी नित नए मोबाइल फोन एप व तकनीक इस्तेमाल कर आमजन को ठगी का शिकार बना रहे हैं। बीते पांच दिन में सेना का जवान व शिक्षिका ऑनलाइन शॉपिंग व ट्रू कॉलर एप रिचार्ज करवाने के फेर में लाखों रुपए की ठगी के शिकार हो गए।

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Cyber Crime: बढ़ते साइबर क्राइम में अपराधी नित नए मोबाइल फोन एप व तकनीक इस्तेमाल कर आमजन को ठगी का शिकार बना रहे हैं। बीते पांच दिन में सेना का जवान व शिक्षिका ऑनलाइन शॉपिंग व ट्रू कॉलर एप रिचार्ज करवाने के फेर में लाखों रुपए की ठगी के शिकार हो गए। साइबर थाना पुलिस ने पीडि़तों की शिकायत पर ऑनलाइन धोखाधड़ी व आईटी एक्ट में प्रकरण दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।

केस 1 : सेना के जवान से ठगे 1.70 लाख
सेना के जवान को ऑनलाइन साइट से खरीददारी करना महंगा पड़ गया। उसने गलत पार्सल मिलने पर गूगल से कस्टमर केयर के नम्बर लेकर सम्पर्क किया तो जालसाज ने एप डाउनलोड कराकर बैंक खाते से एक लाख 70 हजार 246 रुपए निकाल लिए। तमिलनाडू हाल अजमेर केन्टोनमेंट एरिया निवासी आर्मी के जवान मंथन कुमार ने रिपोर्ट में बताया कि ई-कार्ट से ऑनलाइन खरीदारी पर 31 अगस्त को पार्सल में गलत उत्पाद आने पर गूगल से नबंर सर्च कर गलत उत्पाद की जानकारी दी। जिस पर उसे ’रस्ट डेस्क’ एप डाउनलोड करा मोबाइल हैक कर बैंक खाते से दो बार में एक लाख 70 हजार 246 रुपए की निकासी कर ली।
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केस 2: 75 रुपए का रीचार्ज कराने में गंवाए 1.43 लाख
पेटीएम अकाउंट से ट्रू कॉलर का रिचार्ज करवाना एक शिक्षिका को भारी पड़ गया। ठग ने शिक्षिका के बैंक खाते से एक लाख 43 हजार की निकासी कर ली। माखुपुरा निवासी शिक्षिका अदिति सोनी ने रिपोर्ट दी कि उसने पेटीएम अकाउंट से ट्रू कॉलर का 75 रूपए का रिचार्ज का प्रयास किया लेकिन रिचार्ज नहीं हुआ। गूगल पर ट्रू कॉलर कस्टमर केयर नम्बर सर्च कर बात की तो उसे ’रस्ट डेस्क’ एप्लीकेशन डाउनलोड करा मोबाइल फोन हैक कर बैंक खातों से एक लाख 43 हजार 757 रुपए की निकासी कर ली।

जिला पुलिस के साइबर सेल एक्सपर्ट एएसआई रणवीर सिंह ने बताया कि रस्ट डेस्ट एप भी एनी डेस्क एप की तरह रिमोट डेस्कटॉप एप है। जिसका उपयोग कर किसी भी डिवाइस को दूर बैठा व्यक्ति ऑनलाइन इस्तेमाल कर कन्ट्रोल कर सकता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल फोन, लेपटॉप में आई तकनीकी सुधार या व्यावयायिक कामकाज के लिए होता है। आमजन के लिए मोबाइल, लेपटॉप पर इस एप का इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं है। गूगल पर हेल्पलाइन सर्च के बजाए किसी भी वित्तीय संस्था की ऑफिशियल वेबसाइट से ही उसका हेल्पलाइन नम्बर लें। संभव हो तो वेबसाइट पर मैसेज के जरिए सम्पर्क करें।
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साइबर थाने में 20 मुकदमे दर्ज
बढ़ते साइबर अपराध पर रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने जिला स्तर पर साइबर पुलिस थाने स्थापित किए हैं। मार्च 2023 से अजमेर रिजर्व पुलिस लाइन स्थित अन्वेषण भवन में साइबर थाना संचालित है। साइबर थाने में अब तक अजमेर जिले के साइबर क्राइम के अब तक 20 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं।

सजगता ही बचाव...
बैंकिंग पासवर्ड बनाते समय बरतें सावधानी।
अनजान लिक पर नहीं कर क्लिक।
सत्यापित बँकिंग एप का ही इस्तेमाल करें।
बाकग लनदन म आटापा शेयर नहीं करें।
पब्लिक वाईफाई व साइबर कैफे से ट्रांजेक्शन नहीं करें।
गूगल पर कस्टमर केयर को सर्च ना करें।
एनी डेस्क जैसी एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं करें।
बैंकिंग यूपीआई नंबर किसी से शेयर नहीं करें।