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‘वसुंधरा CM होती तो… मजा आता’, अशोक गहलोत ने क्यों कहा ऐसा? अजमेर से सरकार पर साधा निशाना

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर से भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला।

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ashok gehlot

Photo- Patrika Network

Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को अजमेर दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में जनता परेशान और दुखी है। कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने के अलावा कुछ नहीं हो रहा। भाजपा के अंदरखाने तक सरकार के खिलाफ सुर उठ रहे हैं। सरकार को गुड गवर्नेंस के लिए धरातल पर कामकाज करने की जरूरत है।

गहलोत ने कहा कि सरकार राज्य में नाम की चीज नहीं है। मैंने भरतपुर, जोधपुर, बीकानेर के दौरे किए हैं। सब जगह लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखा है। अजमेर में जलमग्न स्वास्तिक नगर के हालात चिंताजनक है। खुद जनता ने कहा कि भाजपा के बड़े नेता यहां नहीं पहुंचे। मैंने सीएम भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत की। उन्होंने नुकसान का सर्वे कराना बताया। यह सर्वे जल्दबाजी में हुआ यह गंभीरता से इसकी मॉनिटरिंग करनी चाहिए। भाजपा के कार्यकर्ता मेरा ही विरोध करने लगे, जबकि सरकार और बड़े नेता ही मौके पर नहीं पहुंचे। लिहाजा सरकार को राज्य में अतिवृष्टि से प्रभावित सभी क्षेत्रों को विशेष पैकेज देना चाहिए।

पता नहीं क्यों करते हैं फाउल...

गहलोत ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत कभी तो 75 साल बाद रिटायरमेंट की कहते हैं, कभी कहते हैं ऐसा नहीं कहा। कभी कहते हैं पूरे देश में सभी सनातनी हैं। फिर पलट जाते हैं। पता नहीं अच्छा खेलते-खेलते क्यों फाउल कर बैठते हैं।

वसुंधरा होती तो करते संघर्ष...

गहलोत ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा-आरएएस किसको सीएम बनाती है, यह उनका निर्णय है। राज्य में वसुंधरा होती तो संघर्ष का मजा आता। मैं भजनलाल शर्मा का विरोध नहीं करता, पर उनके सलाहकार कौन हैं, उनको ढूंढने में जुटा हूं।

चुनाव नहीं कराना संविधान के खिलाफ

पत्रिका के वन स्टेट वन इलेक्शन के सवाल पर गहलोत ने कहा कि समय पर पंचायतीराज, स्थानीय निकाय, अथवा छात्रसंघ चुनाव नहीं कराना संविधान के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट तक टिप्पणी कर चुके हैं। फिर भी सरकार मानने को तैयार नहीं है। भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सब बिगड़ गए हैं।

चुनाव आयोग की भाषा स्तरहीन

वोट चोरी अभियान पर गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी सबूतों के साथ वोट चोरी बता चुके है। चुनाव आयोग जांच करने के बजाय उनसे एफिडेविट मांग रहा है। कोई पत्र लिखो तो जवाब में आयोग की भाषा स्तरहीन होती है। आयोग को तो निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए।

विपक्ष के बिना पक्ष की पूछ नहीं

गहलोत ने कहा कि विपक्ष के बगैर पक्ष की कोई पूछ नहीं है। विपक्ष जनता की आवाज है। हम जनता का फीडबैक ही दे रहे हैं। आलोचना को पॉजीटिव लेना चाहिए। हमारी जनकल्याणकारी योजनाओं में से मेरी फोटो हटा दो पर उसे बंद तो मत करो। हमने भी सत्ता में रहते प्रतिपक्ष को सदैव प्रमुखता दी है।

विकसित राष्ट्रों में बैलेट से चुनाव होते हैं- गहलोत

गहलोत ने कहा कि ईवीएम में टेंपरिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। चीन-रूस में भी चुनाव आयोग हैं। क्या हमारा सिस्टम भी उनके जैसा बन रहा है। हम चुनाव उनके जैसा चाहते हैं या लोकतांत्रिक प्रणाली से, इस पर सबको सोचना चाहिए। विकसित राष्ट्रों में बैलेट से चुनाव होते हैं, फिर हमारे यहां क्या दिक्कत है।