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रक्तिम तिवारी/अजमेर
महर्षि दयांद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) में पेचीदा स्थिति बनने वाली है। राजस्थान हाईकोर्ट से कुलपति (vice cahncellor) के कामकाज पर रोक लगी हुई है। ऐसे में बीते सत्र की डिग्रियों (students degree) पर हस्ताक्षर कौन करेगा, इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है।
विश्वविद्यालय में सत्र 2018-19 की शुरुआत 1 जुलाई को हुई थी। उस वक्त प्रो. विजय श्रीमाली (vijay shrimali) विश्वविद्यालय के कुलपति थे। लेकिन 21 जुलाई को प्रो. श्रीमाली का आकस्मिक निधन हो गया। विश्वविद्यालय करीब 20 दिन बिना कुलपति के चला। 10 अगस्त को बांसवाड़ के गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी (kailash sodani) को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई। वे महज सवा महीने ही यहां रहे। इसके बाद 6 अक्टूबर को प्रो. आर. पी. सिंह (r.p.singh) विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति नियुक्त किए गए। लेकिन 11 अक्टूबर 18 को राजस्थान हाईकोर्ट ने उनके कामकाज पर रोक लगा दी। यह रोक अब तक जारी है।
यूं तैयार होती है डिग्री
नियमानुसार विश्वविद्यालय सभी स्नातक (U.G.) और स्नातकोत्तर (P.G.) विद्यार्थियों (नियमित/स्वयंपाठी) की डिग्री तैयार करता है। डिग्रियों पर संबंधित कुलपति (उस वक्त नियुक्त) के हस्ताक्षर (V.C singnature) होते हैं। खासतौर पर दीक्षान्त समारोह (univeristy convocation) से पूर्व कुलपति की अध्यक्षता में प्रबंध मंडल की बैठक होती है। इसमें डिग्रियों को ग्रेस पास किया जाता है। इसके बाद इनका वितरण होता है।
इस बार कौन करेगा हस्ताक्षर?
सत्र 2018-19 की डिग्री पर हस्ताक्षर को लेकर पेचीदा स्थिति बन सकती है। सत्रारंभ के दौरान प्रो. श्रीमाली विश्वविद्यालय के कुलपति थे। 30 अप्रेल को सत्रांत हुआ तो कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह हैं। नियमानुसार वे ही मौजूदा डिग्रियों पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत हैं। लेकिन कामकाज पर हईकोर्ट (rajasthan high court) की रोक हटने के बाद ही यह संभव है।
..तो अन्य को जिम्मेदारी
पत्रिका ने विश्वविद्यालय के तीन पूर्व कुलपतियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि नियमानुसार स्थाई कुलपति ही डिग्रियों पर हस्ताक्षर करते हैं। इस नाते प्रो. आर. पी.सिंह ही हस्ताक्षर करेंगे। हाईकोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिलने, सरकार-राजभवन (raj bhawan) द्वारा हटाए जाने की स्थिति बनने पर किसी अन्य कुलपति की नियुक्ति होगी। ऐसे में नए नियुक्त होने वाले कुलपति के हस्ताक्षर से ही डिग्री जारी होगी।
जब राज्यपाल हो गए थे नाराज
1 अगस्त 2017 को हुए आठवें दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह (kalyan singh)ने विश्वविद्यालय को स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की डिग्री (students degree) तैयार होने की जानकारी मांगी थी। डिग्रियां नहीं बनने पर उन्होंने मंच से ही नाराजगी जताई थी। राज्यपाल ने 30 सितम्बर तक सभी विद्यार्थियों की डिग्री तैयार करने के निर्देश दिए थे।
Published on:
01 Aug 2019 07:14 am
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