
birds in anasagar
अजमेर.
आनासागर झील का एक छोटा सा टुकड़ा बहुत नायाब है। सागर विहार कॉलोनी क्षेत्र से जुड़ा यह इलाका कई पक्षियों का प्राकृतिक घरौंदा है। यहां सालभर तक पक्षियों को कलरव करते देखा जा सकता है। कई पक्षी तो यहां प्रजनन भी करते हैं।
सागर विहार कॉलोनी के पाथ-वे से सटी जमीन और इसके आसपास के इलाके प्राकृतिक नम भूमि है। यह हिस्सा प्रवासी और देशी पक्षियों को पसंद आता है। पानी में पाए जाने वाले कीट, काई और अन्य पदार्थ प्रवासी पक्षियों का मुख्य भोजन है। यहां सूर्योदय से सूर्यास्त होने तक यहां पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है। यह रात्रि में बबूल के पेड़ों पर बने घरौंदों में रहते हैं। सालभर तक पक्षियों की कई प्रजातियों को देखा जा सकता है।
पक्षियों की यह प्रजातियां मौजूद
स्पॉट बिल डक, आईबिस, कॉमन मैना, परपल ग्रे हेरॉन, इग्रेट (व्हाइट ग्रे), मूरहेन, मैलार्ड, कॉमन टील, रफ, किंगफिशर, स्पून बिल, स्पॉट बिल्ड डक, नॉर्दन शॉवलर सहित 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं। गर्मियों में यहां स्पॉटबिल डक, कॉमन मैना, मूरहेन प्रजनन करते हैं।
बन सकती है मिनी बर्ड सेंचुरी
झील में बबूल के पेड़ देशी पक्षियों के आश्रय स्थल हैं। इन्हें बनाए रखना चाहिए। आसपास के लोग पेड़ों को काटकर ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। बबूल के पेड़ काटने पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए। सरकार और प्रशासन के प्रयासों से यह क्षेत्र मिनी बर्ड सेंचुरी बन सकता है। यहां पक्षियों के लिए खाद्य पदार्थ, जलवायु और पेड़-पौधे मौजूद हैं, जो इन्हें पसंद आते हैं। स्थानीय प्रशासन और पर्यावरणविद प्रयास करें तो यह पक्षियों का अहम स्थल और भविष्य का लघु पर्यटन केंद्र बन सकता है। मालूम हो कि वैशाली नगर, पुष्कर रोड, आनसागर लिंक रोड और आसपास के इलाके में पक्षियों के लिए प्राकृतिक वैटलैंड मौजूद था। आबादी क्षेत्र बढ़ते ही नमभूमि क्षेत्र सिमट गए हैं।

Published on:
15 Jan 2019 06:33 am
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