script

CBSE: कॉपियों के मूल्यांकन और परीक्षाओं का इंतजार

locationअजमेरPublished: Apr 15, 2020 09:07:08 am

Submitted by:

raktim tiwari

स्थगित परीक्षाएं फिर से कराने पर असमर्थता जताई थी।

cbse copies checking

cbse copies checking

अजमेर.

कोरोना लॉकडाउन से सीबीएसई की परेशानियां बढ़ी हुई हैं। दसवीं और बारहवीं की कॉपियों के केंद्रीयकृत मूल्यांकन और बकाया पेपर की परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।

सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थी। कोरोना लॉकडाउन के चलते परीक्षाएं स्थगित हो चुकी हैं। बोर्ड ने बीती 1 अप्रेल को आदेश जारी किया। इसमें माहौल सामान्य होने तक स्थगित परीक्षाएं फिर से कराने पर असमर्थता जताई थी।
Read more: घर में खाद्य सामग्री नहीं होने की झूठी शिकायत करना पड़ा भारी

कराना है केंद्रीयकृत मूल्यांकन
सीबीएसई दसवींं और बारहवीं की कॉपियों का केंद्रीयकृत मूल्यांकन कराता है। अजमेर, पंचकुला, प्रयागराज, गुवाहाटी, भुवनेश्नर, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली और अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों की देखरेख में कामकाज होता है। इस बार भी फरवरी में परीक्षाओं की शुरुआत के साथ कॉपियों की जांच शुरू हुई थी, पर शिक्षकों को बुलाया जाना संभव नहीं है।
समय पर परिणाम निकालना चुनौती
जेईई मेन, जेईई एडवांस, नीट और कॉलेज में दाखिलों के चलते सीबीएसई मई में दसवीं-बारहवीं के परिणाम निकालता है। इस बार कॉपियों की जांच और परिणाम निकालना चुनौती है। मालूम हो कि पिछले साल सीबीएसई ने 2 मई को बारहवीं तथा 6 मई को दसवीं का परिणाम घोषित किया था।
Read more: लॉकडाउन के पहले ठेकेदार ने उठाया था बीस लाख का माल

बढ़ा लॉकडाउन, जायरीन ने किया थाने के बाहर हंगामा

अजमेर. लॉकडाउन बढऩे की घोषणा होने के बाद से कई लोगों की चिंता बढ़ गई है। घर लौटने के इच्छुक कई जायरीन ने दरगाह थाने के पास हंगामा किया। जायरीन ने खाने-पीने की दिक्कतें बताकर प्रशासन को उलझाना चाहा। लेकिन प्रशासन ने उन्हें वापस रवाना कर दिया।
अजमेर में बिहार, यूपी, झारखंड सहित कई इलाकों के जायरीन लॉकडाउन के कारण अटके हुए हैं। इन्हें विभिन्न गेस्ट हाउस या शेल्टर होम में ठहराया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की। इसके बाद कई महिला जायरीन गेस्ट हाउस से निकलकर दरगाह थाने तक पहुंच गई। महिलाओं ने खाने-पीने की परेशानी होना बताकर हल्ला मचा दिया। पुलिसकर्मी और अधिकारी उनके तर्कों से सहमत नहीं हुए।

ट्रेंडिंग वीडियो