कॉलेज शिक्षा निदेशालय के अधीन राज्य में करीब 200 से ज्यादा सरकारी कॉलेज (निजी कॉलेज अलग) हैं। इन कॉलेज में अध्ययन-अध्यापन, छात्रसंघ चुनाव, संगोष्ठी, कार्यशाला, सह शैक्षिक गतिविधियां और अन्य कार्यक्रम होते हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत सभी कॉलेज को डिजिटल इंडिया योजना से जोडऩे की योजना बनाई गई है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने हायर एज्यूकेशन पोर्टल पर पांच बिन्दुओं पर कॉलेज ऑटोमेशन मॉड्यूल तैयार किए थे। इनमें शिक्षकों की जानकारी, मानव संसाधन, कॉलेज में सुविधाएं, समय-सारिणी और विद्यार्थी प्रबंधन मॉड्यूल शामिल है। सभी कॉलेज से प्रस्तावित बिन्दुओं पर सूचना भी मंगवाई गई थी।
यूं लगाए थे कैमरे
डिजिटल इंडिया के अन्तर्गत कई कॉलेज में कैमरे लगा गए। प्रथम चरण में अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय और अन्य कॉलेज को शामिल किया गया। इन कॉलेज में प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। इसमें कक्षाओं, विज्ञान और कला संकाय की प्रयोगशाला, प्राचार्य, उपाचार्य और सेमिनार कक्ष, लाइब्रेरी, मुख्य गेट, गलियारों, स्टाफ रूम, कैंटीन और आसपास का क्षेत्र शामिल किया गया। यह कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल से सीधे कॉलेज शिक्षा निदेशालय जयपुर जुड़े हैं।
डिजिटल इंडिया के अन्तर्गत कई कॉलेज में कैमरे लगा गए। प्रथम चरण में अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय और अन्य कॉलेज को शामिल किया गया। इन कॉलेज में प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। इसमें कक्षाओं, विज्ञान और कला संकाय की प्रयोगशाला, प्राचार्य, उपाचार्य और सेमिनार कक्ष, लाइब्रेरी, मुख्य गेट, गलियारों, स्टाफ रूम, कैंटीन और आसपास का क्षेत्र शामिल किया गया। यह कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल से सीधे कॉलेज शिक्षा निदेशालय जयपुर जुड़े हैं।
नहीं हो रही ऑनलाइन मॉनिटरिंग कॉलेज में नियमित क्लास, शिक्षकों-विद्यार्थियों की अनुपस्थिति, लैब में प्रेक्टिकल, कार्यक्रम आयोजन, विद्यार्थियों में परस्पर विवाद जैसे मामलों पर उच्चाधिकारियों को नजर रखनी है। लेकिन कैमरे के माध्यम से कॉलेज की नियमित मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। कॉलेज प्राचार्यों, शिक्षकों, विद्यार्थियों से सीधे वीडियो कॉन्फे्रंसिंग सुविधा नहीं है। कैमरे केवल प्राचार्य कक्ष के मॉनिटर से जुडकऱ सजावटी बने हुए हैं।