
clash between two groups of student union, lathi charge on students
किशनगढ़/ अजमेर। छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर निर्वाचित शुभम मालाकार के समर्थक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता राजकीय महाविद्यालय किशनगढ़ में आमने सामने हो गए। छात्रों ने पुलिस पर पथराव भी किया। माहौल गरमाने के बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठियां भांजी। पुलिस कार्रवाई और विभिन्न मांगों को लेकर एबीवीपी के महेंंद्र चौधरी समेत कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य सहदेव दान का घेराव किया और सौंपा ज्ञापन। छात्रों ने यहां जमकर नारेबाजी की। करीब पौने दो घंटे बाद मामला शांत हुआ। फिलहाल एहतियातन कॉलेज में पुलिस तैनात की गई है।
साथ ही आपको बताते चलें कि छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर लगातार पांचवी हार झेलने वाला छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कई पदाधिकारियों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाने में है। जयपुर कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में इन पदाधिकारियों के नाम भी तय हो गए है जिनको संगठन से बाहर किया जाएगा।संगठन करीब छह लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी में है जिन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों के दौरान संगठन के साथ रहकर एबीवीपी के टिकट पद चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को असहयोग किया है। जिन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा उनमें राजस्थान विश्वविद्यालय के दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व संगठन की टिकट पर चुनाव लड़ चुके कार्यकर्ता शामिल है। इन पदाधिकारियों में संगठन से बागी होकर चुनाव लड़ चुके पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के नाम भी शमिल है।
छोड़ कर गए थे संगठन
जिन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी की जा रही है वह पूर्व के वर्षों में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर एबीवीपी को छोड़ कर चले गए थे और बागी होकर चुनाव लड़कर संगठन के प्रत्याशी को हराया था। गत वर्ष संगठन से बाहर जाने के बाद एबीवीपी ने फिर से इस वर्ष चुनावों में इन्हें संगठन में शामिल किया और बिखरे हुए संगठन को एकजुट करने का प्रयास किया। जिसके बाद यह फिर से संगठन में शामिल हो गए थे। ऐसे में एकजुट हुई एबीवीपी चुनाव जीतती हुई नजर आ रही थी। लेकिन समीक्षा बैठक के दौरान चर्चा में निकल कर आया कि जिन्हें संगठन में वापस लेकर जिम्मेदारी दी गई थी उन्होंने चुनाव के दौरान संगठन में गुटबाजी कर एबीवीपी का असहयोग किया।
भरतपुर में आठ को निकाला बाहर
हालांकि भरतपुर विश्वविद्यालय में एबीवीपी का प्रत्याशी दिनेश भातरा अध्यक्ष बना लेकिन फिर भी जिले में चुनावों के दौरान संगठन में रहते हुए एबीवीपी को नुकसान पहुंचाने वाले आठ कार्यकर्ताओं को संगठन के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जिला संयोजन के एक नोटिस जारी कर भरतपुर जिले के आठ पदाधिकारियों को पदमुक्त कर दिया। भरतपुर की तर्ज पर ही अब जयपुर में भी कार्रवाई की तैयारी है।
Updated on:
15 Sept 2018 07:06 pm
Published on:
15 Sept 2018 03:20 pm
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