
ajmer dargah diwan
अजमेर. ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (ajmer dargah) के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा है कि नागरिकता संशोधन बिल से देश के मुसलमानों (indian muslims) को डरने की जरूरत नहीं है। यह बिल मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। सरकार को हाई पावर कमेटी (high power committee) गठित कर लोगों के विचार जानने और उसकी रिपोर्ट संसद में रखनी चाहिए। इसके बाद ही बिल को लागू करना चाहिए।
दीवान ने नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लेकर देश में उपजी हिंसा (violence) और भ्रम की स्थिति को लेकर कहा कि लोकतंत्र हिंदुस्तान (india) की सबसे बड़ी ताकत है। सर्वपंथ समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम सदियों की परम्परा (tradition) रही है। संविधान का सम्मान करना भी हमारा कत्र्तव्य है।
नागरिकता संशोधन बिल से देश के मुसलमानों (muslims) को डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह कानून की किसी तरह देश के मुस्लिमों के खिलाफ (not against muslims)नहीं है। इससे उनकी नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। सरकार ने संवैधानिक दायरे में कानून पास किया है।
गठित हो हाईपावर कमेटी
दीवान ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देश में विवाद की स्थिति बन गई है। मुस्लिमों में डर और भ्रम की स्थिति फैलाई जा रही है। केंद्र सरकार को हाई पावर कमेटी गठित (high power committee) करनी चाहिए। कमेटी देश में भ्रमण कर लोगों से बातचीत कर उनके भ्रम और परेशानियों का जवाब दे। साथ ही कमेटी की तथ्यात्मक रिपोर्ट संसद (parliamnet) में भी रखी जाए। तमाम विवादों-भ्रम को दूर करने के बाद लिब को लागू किया जाना चाहिए।
जामिया मिलिया की घटना निंदनीय
दीवान ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (jamia millia islamia) में विद्याथियों पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना निंदनीय है। विद्यार्थी देश का भविष्य हैं। उन्हें किसी स्थिति में कानून (law) हाथ में नहीं लेना चाहिए। वे संवैधानिक दायरे रहते हुए अपने विचार व्यक्त करें तो सरकार भी इसके लिए तैयार रहेगी।
Published on:
19 Dec 2019 06:13 pm
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