स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने लीज अवधि बढ़ाए जोन के लिए 12 बिन्दु निर्धारित किए हैं। निगम के क्षेत्राधिकार में पुरानी मंडी, स्टेशन रोड, पड़ाव, गांधी भवन कचहरी रोड की दुकानें हैं जिनमें लम्बे समय से दुकानदार काबिज हैं। इनकी लीज अवधि पिछले साल समाप्त हो चुकी थी इन पर सीज की तलवार लटकी हुई थी। नगर निगम ने नोटिस भी जारी किए थे लेकिन जिले में उपचुनाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार की सहमति मिलने के बाद इन दुकानों की लम्बी अवधि की लीज अवधि बढ़ाने का रास्ता साफ हो गयाा।
इन शर्तो पर दी मंजूरी 26 जनवरी 1950 से 10 अगस्त 1983 तक की अवधि के किराएदारों से वर्तमान व्यावसायिक आरक्षित मूल्य की 50 प्रतिशत राशि एक मुश्त ली जाएगी। 11 अगस्त 1983 से 17 जून 1999 तक की अवधि के किराएदारों से वर्तमान व्यवसायिक आरक्षित मूल्य की 75 प्रतिशत राशि एक मुश्त ली जाएगी।
एक मुश्त राशि के अतिरिक्त प्रतिवर्ष वर्तमान व्यवसायिक आरक्षित दर की 5 प्रतिशत राशि लीज/ किराए के रूप में प्रतिवर्ष वसूली जाएगी। 8 वर्ष की राशि एक मुख्य जमा कराए जाने पर किराया मुक्त किया जा सकेगा।
यदि मूल किराएदार द्वारा दुकाने सबलेट कर दी गई है तो एक मुश्त वसूल की जाने वाली राशि का 50 प्रतिशत प्रीमियम अतिरिक्त रूप से वसूल किया जाएगा। पूर्व में लीज अवधि / किराएदारी जिन दिनांक को समाप्त हुई है उस दिनांक से अगले 9 वर्ष के लिए लीज नियमन किया जाएगा।
दुकानों की लीज बढ़ाने का मामला बोर्ड बैठक में रखा जाना है । 31 दिसम्बर तक आचार संहिता का इश्यू है। मार्ग दर्शन मांगेगे। -हिमांशु गुप्ता, आयुक्त नगर निगम अजमेर