Fees: नहीं मिली रियायत, ‘हवा’ हुआ सरकारी फीस का प्रस्ताव
Updated: 19 Oct 2019, 07:50:00 AM (IST)
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
सरकारी कॉलेज में सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स (SFS Course) में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भारी-भरकम फीस से रियायत नहीं मिली है। पिछली भाजपा सरकार (bjp govt) का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा है। ना कॉलेज शिक्षा निदेशालय ना मौजूदा कांग्रेस सरकार ने कोई पहल की है।
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प्रदेश के कई स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में नियमित (regular course) के अलावा सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स संचालित है। इनमें कला (arts), वाणिज्य (commerce) और विज्ञान (science) संकाय के कोर्स शामिल हैं। नियमित कोर्स में सरकारी फीस (govt fee module) लागू है। जबकि सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में सभी कॉलेज ने अलग-अलग फीस तय कर रखी है। विद्यार्थियों से मिलने वाली फीस से कोर्स के खर्चे, जरूरत पडऩे पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति होती है।
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एसएफएस कोर्स यानि ज्यादा फीस
-कॉलेज में एसएफएस कोर्स की भारी-भरकम फीस
-विद्यार्थियों-अभिभावकों को होती है आर्थिक परेशानियां
-फीस के अभाव में कई विद्यार्थी नहीं ले पाते दाखिले
-कोर्स से जुड़े संसाधन भी नहीं मिलते पर्याप्त
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लागू होनी थी सरकारी फीस
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (vasundhra raje) ने साल 2018 के बजट भाषण में विभिन्न कॉलेज में संचालित सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स में सरकारी फीस (govt fees) लागू करने की घोषणा की थी। इन कोर्स को स्टेट फाइनेंसिंग योजना में परिवर्तित किया जाना है। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने 31 कॉलेज (31 colleges) से सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स की सूचना मांगी थी। बीते साल सत्ता परिवर्तन के साथ योजना कागजों में दब गई है।
यह कॉलेज हैं शामिल
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर, राजकीय महाविद्यालय बारां, डीग, मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपर, टोंक, देवली, श्रीगंगानगर, नीम का थाना, पाली, नाथद्वारा, कोटा (कन्या) कोटा कॉमर्स कॉलेज, खेतड़ी, पीपाड़ सिटी, बीकानेर, चित्तौडगढ़़, निम्बाहेड़ा, तारानगर, दौसा, लालसोट, बांदीकुई, दौसा, धौलपुर, नोहर, राजकीय महाविद्यालय, चिमनपुरा, कला महाविद्यालय चिमनपुरा, शाहपुरा कन्या, चौमू कन्या, राजकीय महाविद्यालय कोटपूतली
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एसएफएस कोर्स को स्टेट फाइनेंसिंग योजना में परिवर्तित करने की घोषणा हुई थी, लेकिन यह तत्कालीन सरकार तक ही सीमित थी। मौजूदा समय ऐसी कोई योजना है, तो निदेशालय से जानकारी लेंगे।
डॉ. एम. एल. अग्रवाल, प्राचार्य एसपीसी-जीसीए
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