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JEE MAIN EXAM: ओएमआर शीट से कर सकेंगे खुद मूल्यांकन

विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) अैार अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले मिलेंगे।

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jee mains 2020

jee mains 2020

अजमेर. विद्यार्थी जेईई मेन् (jee main)-2020 की ओएमआर एवं गणना शीट की फोटो प्रति ले सकेंगे। परिणाम जारी होने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी विद्यार्थियों को यह सुविधा प्रदान करेगा।

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जेईई मेन्स-2020 की प्रथम चरण (first phase) की परीक्षा जनवरी और द्वितीय चरण (second phase) की अप्रेल में होगी। दोनों चरणों की परीक्षा के बाद परिणाम जारी होगा। उत्तीर्ण होने वाले 2.40 लाख अभ्यर्थी आईआईटी (IIT) में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस (JEE Advance) परीक्षा देंगे। बकाया विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) अैार अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज (engineering college) में दाखिले मिलेंगे।

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खुद कर सकेंगे मूल्यांकन
एजेंसी विद्यार्थियों को जेईई मेन्स की ओएमआर (OMR) और गणना शीट (analysis shhet) की फोटो कॉपी उपलब्ध कराएगी। इससे विद्यार्थी स्व मूल्यांकन कर सकेंगे।

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नहीं जुड़ते हैं बारहवीं के अंक
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साल 2018 में जेईई मेन्स परीक्षा की रैंकिंग (ranking) के साथ बारहवीं के अंक नहीं जोडऩे का फैसला किया था। इसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने भी यथावत रखा है। विद्यार्थियों ने इस साल एनआईटी (NIT), आईआईटी (IIT) अथवा अन्य संस्थानों में काउंसलिंग (councelling) के दौरान बारहवीं की अंकतालिका प्रस्तुत की है। इसमें 75 प्रतिशत अंक संबंधित नियम को पूरा किया गया है।

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रोजगारोन्मुखी लघु पाठ्यक्रम हो सकते हैं शुरू
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) में रोजगारोन्मुखी लघु पाठ्यक्रम की शुरुआत हो सकती है। इन पाठ्यक्रमों पर एकेडेमिक कौंसिल (academic council) में विचार-विमर्श होगा। इसके बाद कोर्स प्रारंभ होंगे।विश्वविद्यालय में मौजूदा वक्त कॉमर्स, अर्थशास्त्र, जूलॉजी, बॉटनी, मैनेजमेंट स्टडीज, जनसंख्या अध्ययन, पर्यावरण अध्ययन, पत्रकारिता, लॉ, हिंदी, खाद्य एवं पोषण, रिमोट सेंसिंग, पुस्तकालय विज्ञान कंप्यूटर विज्ञान सहित अन्य पाठ्यक्रम (courses) संचालित हैं। इनके अलावा उद्यमिता एवं कौशल विकास केंद्र में प्रबंधन कोर्स, सर्टिफिकेट इन बर्डिंग, और कुछेक शॉर्ट टर्म कोर्स भी हैं। लेकिन अन्य संस्थानों की अपेक्षाकृत यहां कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों (job oriented courses) की कमी है।

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