6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MDSU: दो यूनिवर्सिटी में लगाए कुलपति, अजमेर से ये कैसा खिलवाड़

सुनवाई में फैसला सुरक्षित रखा था। तबसे एक महीने बीत चुका है। राजभवन ने फरवरी में डीन कमेटी गठित की थी, लेकिन वह भी अब सक्रिय नहीं है।

2 min read
Google source verification
mdsu vice chancellor

mdsu vice chancellor

अजमेर.

राजभवन और सरकार महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) से खिलवाड़ में जुटे हैं। दोनों ने प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों का प्रभार दूसरे कुलपतियों (vice chancellor) को दिया है, लेकिन अजमेर की अनदेखी जारी है। यहां 11 महीने से कुलपति पद का मामला अटका हुआ है।

विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (Prof r.p.singh) के कामकाज पर 11 अक्टूबर से राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने कामकाज करने पर रोक लगाई थी। यह अब तक कायम है। हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित रखा था। तबसे एक महीने बीत चुका है। राजभवन ने फरवरी में डीन कमेटी (dean committee) गठित की थी, लेकिन वह भी अब सक्रिय नहीं है।

read more: Rto : चालान के डर से डेढ़ गुना तक बढ़ी लाइसेंस बनवाने वालों की तादाद

दूसरे विश्वविद्यालय ज्यादा अहम!
राजभवन और सरकार ने दो विश्वविद्यालयों (two universities) के कुलपतियों को अतिरिक्त दायित्व दिए हैं। इनमें जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNVU Jodhpur) का प्रभार कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति डॉ. बी.एल. चौधरी और श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय (KN UNIVERSITY) का प्रभार संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनुला मौर्य को सौंपा गया है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के प्रति सरकार (state govt) और राजभवन (Raj bhawan) गंभीर नहीं हैं।

read more: Seminar: भारत, नेपाल और ब्रिटेन के विद्वान करेंगे गांधी दर्शन पर चर्चा

बिगड़ चुके हैं हालात
विश्वविद्यालय में कुलपति की गैर मौजूदगी से हालात बिगड़ चुके हैं। हजारों विद्यार्थियों-शोधार्थियों (student and scholors)की निगाहें कुलपति पर टिकी हैं। यहां 2018-19 में नवां दीक्षांत समारोह नहीं पदक और हजारों डिग्रियां अटकी हैं। अन्तर कॉलेज सांस्कृतिक कार्यक्रम, 250 से ज्यादा सरकारी-निजी कॉलेज की सम्बद्धता, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) का 11.19 करोड़ रुपए का बजट, यूजीसी से स्वीकृत ऋषि दयानंद चेयर का काम ठप है। इसके अलावा 20 नए शिक्षकों की भर्ती (New recruitment), निलंबित प्रो.सतीश अग्रवाल के मामले की आंतरिक जांच नहीं हो पाई है। यह सूचनाएं सरकार और राज्यपाल के पास पहुंच चुकी हैं।

read more: सरकार का राजस्थान पर नहीं ध्यान, कानून व्यवस्था फेल


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग