सुबह से आसमान पर बादलों का राज (clouds on sky) रहा। सूरज के दर्शन नहीं हुए। हवा चलने और बादलों के चलते कुछ राहत मिली। दोपहर में बादलों के छितराने पर धूप निकली। आसोज माह में बरसात (rain) के कहीं आसार नजर नहीं आए। लगातार सातवें दिन अजमेर जिले में बरसात (barsat) नहीं हुई। न्यूनतम 27.1 डिग्री रहा।
read more: Heavy Rain : अजमेर में फिर बदला मौसम, कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि व तेज बरसात भादौ में भी भरपूर बरसात सावन की तरह भादौ ने शहर और जिलो को जबरदस्त तरबतर (heavy rain in ajmer) किया। जिले में 1 जून से 4 जुलाई तक महज 35 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इसके बाद 5 से 7 जुलाई तक हुई बरसात से आंकड़ा बढकऱ 89.2 मिलीमीटर तक पहुंच गया। इसके बाद 25 से 29 जुलाई तक 157.83 मिलीमीटर बारिश हुई। 31 जुलाई को जिले की बरसात (rain) का आंकड़ा 318.55 मिलीमीटर था। अगस्त में तो बरसात ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 1 अगस्त को अजमेर (rain in ajmer) में चार घंटे में 114.2 तथा 16 और 17 अगस्त को लगातार 28 घंटे तक बारिश का दौर चला। इससे बरसात का आंकड़ा बढकऱ 650 मिलीमीटर पार कर गया। इसके बाद 1 से 8 सितंबर तक हुई बारिश से बरसात का आंकड़ा (average rainfall) 900 मिलीमीटर पार पहुंच गया।
read more: बीसलपुर बांध के दिन में खोले सोलह गेट,शाम को आठ से ही रखे चालू भारतीय नीनो का रहा असर इस बार मानसून की मेहरबानी की असली वजह भारतीय नीनो (indian Nino) है। इसे इंडियन ओशियन डाइपोल भी कहा जाता है। जबकि मौसम विभाग (meteriological dept) और अन्य संस्थानों ने अलनिनो के चलते कम बरसात (low rainfall) के आसार जताए थे। संस्थानों का यह दावा भारतीय नीनो के चलते गलत साबित हुआ है।