अजमेर सहित प्रदेशभर में सड़क दुर्घटना में मौतों के आंकड़ों को कम करने के लिए निश्चेतना विभाग की पहल पर पुलिसकार्मिकों को चेस्ट कंप्रेशन की विधि बताई गई है। चिकित्सकों के इस महत्वपूर्ण कार्य को पुलिसकर्मियों में साझा करने का मकसद यही है कि सड़क दुर्घटनाएं जब भी होती हैं सबसे पहले पुलिसकर्मी पहुंचते हैं। अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में घबराहट/डर आदि के चलते सडन अटैक से घायलों की मौत हो जाती है। ऐसे में अगर गंभीर घायलों/व्यक्तियों को हाथों से चेस्ट कम्प्रेशन दिया जाए तो व्यक्ति का हार्ट रिस्टार्ट हो जाएगा। इसके तत्काल बाद मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचा कर इलाज करवा सकते हैं।
क्या है चेस्ट ऑनली कंप्रेशन ऑनली लाइफ सपोर्ट टेस्ट ऑनली कंप्रेशन ऑनली लाइफ सपोर्ट सडन कार्डिक अटैक/गश खाकर गिरे व्यक्ति, पानी में डूबे व्यक्ति को घटना के तत्काल बाद नीचे लेटाकर छाती पर दोनों हाथों से कंप्रेशन (दबाया) किया जाए तो व्यक्ति की सांस लौट सकती है। यह क्रिया तीन से पांच बार लगातार की जाती है। कंप्रेशन देने वाला व्यक्ति घुटनों के बल बैठकर शरीर का पूरा जोर कंप्रेशन में बताए अनुसार दे तो हार्ट रिस्टार्ट हो जाता है।
इनका कहना है सड़क दुर्घटना में ज्यादातार मौतें हार्टअटैक, गंभीर चोट से होती है, इसमें सबसे पहले हार्ट फेल होता है। दुर्घटनाओं में सबसे पहले पुलिसकर्मी/अधिकारी पुहंचते हैं। अगर मृतप्राय:/गंभीर घायलों को अगर तुरंत चेस्ट कंप्रेशन दिया जाए तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए जेएलएन अस्पताल के निश्चेतना विभाग ने नई पहल की है।
डॉ.अरविन्द खरे, वरिष्ठ एनेस्थेटिक