विश्वविद्यालय में मौजूदा वक्त 2 उप कुलसचिव और छह सहायक कुल सचिव (एक प्रतिनियुक्ति पर) कार्यरत हैं। इन्हीं अफसरों पर संस्थापन, सामान्य प्रशासन, शोध, डिग्री, स्पोट्र्स बोर्ड, सीडीसी एवं विधि, मुद्रण, दीक्षान्त, परीक्षा, एकेडेमिक, इंजीनियरिंग और अन्य विभागों की जिम्मेदारी है। प्रत्येक अधिकारी पर तीन-चार विभागों का अतिरिक्त दायित्व है।
शर्मा पर सरकार की मेहरबानी सहायक कुलसचिव प्रतीक शर्मा साल 2016 से ही जयपुर के जगदगुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं। यह राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा के दत्तक पुत्र हैं। सियासी रसूखात से प्रतीक को नियमों से परे जाकर प्रतिनियुक्ति दी गई है। जबकि उनकी नियुक्ति साल 2015 में हुई थी। नियमानुसार किसी भी अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी को दो साल का प्रोबेशनकाल पूरा होने तक प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जा सकता है।
गुप्ता बनेंगे सह आचार्य विश्वविद्यालय में स्थापन विभाग के सहायक कुलसचिव अमित गुप्ता की नियुक्ति भी 2015 में हुई थी। उनका हाल में एम. एल. सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में सह आचार्य पद पर चयन हुआ है। गुप्ता जल्द ही उदयपुर में पदभार सम्भाल सकते हैं।
इन पदों पर मांगे आवेदन हाल में विश्वविद्यालय ने नए पदों पर आवेदन मांगे हैं। इनमें अतिरिक्त कुलसचिव-1, उप कुलसचिव-2, शोध निदेशक, पुस्तकालयाध्यक्ष, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष पद शामिल हैं। इनमें अतिरिक्त कुलसचिव और उप कुलसचिव पद ही प्रशासनिक कामकाज की दृष्टि से ज्यादा अहम हैं। नए पदों पर नियुक्ति होने और सहायक कुलसचिव कम होने के बाद मौजूदा अधिकारियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा।
ये है रिक्त पदों की स्थिति कुलसचिव-1
अतिरिक्त कुलसचिव-1
उप कुलचिव-4
सहायक कुलसचिव-1
परीक्षा नियंत्रक-1
निदेशक शोध-1
मुख्य विधि सहायक-1
विधि सहायक-1
लेखाधिकारी-1
निजी सचिव कुलपति-1 विवि में शिक्षक भी 18
विश्वविद्यालय में शिक्षक भी 18 हैं। जबकि यहां 30 पद खाली हैं। हिन्दी, राजनीति विज्ञान, पत्रकारिता, रिमोट सेंसिंग, लोक प्रशासन विभाग में तो एक भी शिक्षक नहीं है। केमिस्ट्री, कॉमर्स, कम्प्यूटर साइंस, पॉप्यूलेशन स्टडीज, इकोनोमिक्स विभाग एक-एक शिक्षकों के भरोसे संचालित है।
अतिरिक्त कुलसचिव-1
उप कुलचिव-4
सहायक कुलसचिव-1
परीक्षा नियंत्रक-1
निदेशक शोध-1
मुख्य विधि सहायक-1
विधि सहायक-1
लेखाधिकारी-1
निजी सचिव कुलपति-1 विवि में शिक्षक भी 18
विश्वविद्यालय में शिक्षक भी 18 हैं। जबकि यहां 30 पद खाली हैं। हिन्दी, राजनीति विज्ञान, पत्रकारिता, रिमोट सेंसिंग, लोक प्रशासन विभाग में तो एक भी शिक्षक नहीं है। केमिस्ट्री, कॉमर्स, कम्प्यूटर साइंस, पॉप्यूलेशन स्टडीज, इकोनोमिक्स विभाग एक-एक शिक्षकों के भरोसे संचालित है।