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आखिर बाडमेर में मिले जनाब, किया था कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में ये कारनामा

locationअजमेरPublished: Oct 02, 2018 04:22:15 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

police arrest culprit

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अजमेर.

पुलिस कांस्टेबल भर्ती में तमाम सुरक्षा उपायों तो धता बताकर लिखित परीक्षा देने वाले एक फर्जी अभ्यर्थी को अलवर गेट थाना पुलिस पचपदरा (बाड़मेर) से गिरफ्तार कर लाई। आरोपित ने अभ्यर्थी से सांठगांठ करके उसके स्थान पर परीक्षा दी थी लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा में गिरोह की कारगुजारी उजागर हो गई।
उपनिरीक्षक शंकरलाल मीणा ने बताया कि पचपदरा निवासी श्रवण कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया है। श्रवण ने राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2018 में मूल अभ्यर्थी बाड़मेर खोकसर गेड़ा निवासी भाकाराम पुत्र भूलाराम के स्थान पर परीक्षा दी थी। आरोपित श्रवण को पुलिस ने अदालत में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए। पुलिस को अभी भी दो जनों की तलाश है।
यू खुला फर्जीवाड़ा

कांस्टेबल भर्ती लिखित परीक्षा में भाकाराम उत्तीर्ण हो गया। उत्तीर्ण होने वाले भीलवाड़ा के अभ्यर्थियों को 5 सितम्बर को सीआरपीएफ ग्रुप केन्द्र प्रथम के मैदान पर शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया। फलौदी सांवरीज निवासी महेन्द्र कुमार विश्नोई, बाड़मेर खोकसर गेड़ा निवासी भाकाराम और जालोर हेमागुरा निवासी दिनेश विश्नोई को बायोमेट्रिक में मिलान नहीं हुआ।
आईजी अजमेर रेंज बीजू जॉर्ज जोसफ ने गंभीरता से लेते हुए अलवर गेट थानाप्रभारी को गंभीरता से पड़ताल के आदेश दिए। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि महेन्द्र विश्नोई, भाकाराम एवं दिनेश विश्नोई के स्थान पर श्रवण कुमार समेत तीन फर्जी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। अलवर गेट थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ प्रकरण दर्जकर गिरफ्तार कर लिया।
मिलेंगे स्कूल को 28 हजार नए टीचर

प्रदेश में कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ाने वाले 28 हजार नए शिक्षकों को इसी माह नियुक्ति मिल जाएगी। कक्षा एक से पांचवीं तक के 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का मामला फिलहाल न्यायालय में अटका हुआ है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के माध्यम से प्रदेश में 54 हजार शिक्षकों की भर्ती की अधिसूचना जारी की गई थी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 11 फरवरी को रीट आयोजित की थी। परीक्षा के दिन से ही इस भर्ती प्रक्रिया पर आपत्तियां खड़ी हो गई। द्वितीय स्तर की रीट के पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने न्यायालय में याचिका दायर कर दी। इस कारण शिक्षा बोर्ड को परिणाम जारी करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

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