
evening class in college
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
प्रदेश के सम्भाग मुख्यालयों के कॉलेजों में शाम (evening class) को कक्षाएं लगाने की योजना कागजों में ही दब गई। शुरुआत से पहले इसका दम टूट गया। ना विद्यार्थियों (students) और ना कॉलेज (college) ने कोई रुचि ली। कॉलेज शिक्षा निदेशालय भी इसे भूल चुका है।
निदेशालय (college directorate) ने साल 2017 में निजी अथवा सरकारी नौकरी (govt service), व्यवसाय (business) और विभिन्न कारणों से पढ़ाई से वंचित विद्यार्थियों (students) को नियमित प्रवेश (regular admission) देकर पढ़ाने की योजना बनाई थी। अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय (spc gca) सहित, कोटा, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर और उदयपुर संभाग मुख्यालय के कॉलेज में सेल्फ फाइनेंसिंग योजनान्तर्गत (SFS) शाम को कक्षाएं प्रारंभ करना तय हुआ।
यूं होना था प्रवेश
कला संकाय (arts) में मेरिट के आधार पर प्रथम 100 विद्यार्थियों के लिए प्रवेश योग्यता रखी गई। सेल्फ फाइनेंसिंग योजना में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से कॉलेज फीस (college fees) के अतिरिक्त 10 हजार रुपए अतिरिक्त (extra fees) लेना निर्धारित हुआ। विद्यार्थियों के लिए कुछ खास विषयों में शाम 7 से रात्रि 9 बजे तक कक्षाएं लगाना तय हुआ।
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देखी फीस तो लिया यू टर्न
शाम को कक्षाएं चलाने की योजना नाकाम साबित हुई। कुछ कॉलेज ने मेरिट (merit) के आधार पर विद्यार्थियों की सूची (students list) लगाई, लेकिन कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला। विद्यार्थियों ने दस हजार रुपए फीस देखकर यू टर्न (U-turn) ले लिया। संभागीय मुख्यालयों (divisonal head quarter) के कॉलेज ने भी दोबारा प्रयास नहीं किए। इस सत्र में कॉलेज शिक्षा निदेशालय (college education) ने फिर आदेश ही जारी नहीं किया।
पहले भी कई योजनाएं फेल (दस साल में)
-75 फीसदी से ज्यादा उपस्थिति पर परीक्षा में 5 अतिरिक्त अंक
-सभी कॉलेज में मिलिट्री साइंस पाठ्यक्रम की शुरुआत
-कैट और लघु सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की शुरुआत
-इंग्लिश स्पोकन लैब और जेनपेक्ट सेंटर
-कॉलेज में हाइटेक कम्प्यूटर लेब और फैसेलिटी सेंटर
Published on:
13 Oct 2019 06:41 pm
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