गर्भवती पत्नी को छोड़ा गांव, 15 घंटे ड्यूटी कर के खुद बनाकर खा रहा ये रेजीडेंट
कोरोना वॉरियर : पिछले डेढ़ माह से माइक्रोबायोलॉजी लैब में कर रहे हैं ड्यूटी

अजमेर. लैबोरेट्री में करीब 15-15 घंटे ड्यूटी करने के बाद थक-हार कर घर पहुंचते हैं और रात्रि 11 से 12 बजे खुद ही खाना बनाकर खाते हैं। पत्नी गर्भवती होने के कारण उसे लॉक डाउन से पूर्व ही अपने गांव छोड़कर आ गए हैं। इन परेशानियों के बावजूद कोरोना संक्रमण रोकने एवं जांच कार्य में जुटे रेजिडेंट डॉक्टर गणपत लाल कुमावत बताते हैं कि मुसीबतों से हार नहीं माननी चाहिए। पहले ड्यूटी व सेवा है उसके बाद खुद की चिंता।
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अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में सेम्पल जांच प्रक्रिया में जुटे रेजीडेंट डॉक्टर्स भी पूरी मेहनत कर रहे हैं। इनमें बगरू कालावाड़ा सिरानी निवासी रेजीडेंट डॉ. कुमावत सुबह 8 से रात्रि करीब 11 से 12 बजे तक ड्यूटी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पत्नी गर्भवती है और आगामी 3 मई को महिला चिकित्सकों की ओर से डेट भी दे रखी है। कुमावत ने बताया कि जब लॉक डाउन शुरू होना था उसके पहले ही उसे अपने गांव छोड़कर आ गया। ताकि साथ रहने से वह कहीं संक्रमण की चपेट में नहीं आ जाए। यही वजह है कि लम्बी ड्यूटी पर थका हारा घर पहुंचता हूं और खुद खाना बनाकर खाता हूं। ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहने होने पर भी खाने-पीने में परेशानी हो जाती है। इनके साथ अन्य भी ड्यूटी दे रहे है।
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